नई दिल्ली : इस्राईली दूतावास के बाहर हुए विस्फोट ने देश के सामने एक नया संकट खड़ा कर दिया है। हमले का निशाना बना देश भी भारत का मित्र है और जिस पर इस हमले का संदेह जताया जा रहा है वह ईरान भी भारत का क़रीबी मित्र देश ईरान है।
यह तो अभी ट्रेलर है, हम तुम्हारी जिंदगी खत्म कर देंगे, कभी भी, कहीं भी…ईरानी शहीद। यह शब्द लिखे हैं उस चिट्ठी पर जो इस्राईली दूतावास के बाहर हुए धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों को मिली है।
गत दिनों इस्राईल दूतावास के पास एक लो इंटेंनसिटी कार बम ब्लास्ट हुआ। जिसके बाद अलग अलग सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान बम धमाके से जुड़ा एक लिफाफा मिला है, जिसके बाद इस्राईली दूतावास के बाहर हुए धमाके के ईरान कनेक्शन सामने आ रहा है। लिफाफे में मिले लेटर में इस धमाके को सिर्फ ट्रेल बताया गया है जबकि इस्राईल को असली फिल्म देखने के लिए तैयार रहने की धमकी दी गई है।
इस धमाके के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या ईरान इस्राईल पर कोई बड़ा हमला करने वाला है, क्या ईरान तल अवीव से बदला लेने की प्लानिंग कर रहा है?
पिक्चर अभी बाकी है
इस कार बम धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हाथ जो लिफाफा लगा है, उसे लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। धमाके के बाद मिली चिट्ठी में 2020 में ईरान के मुख्य सैन्य अधिकारी कासिम सुलैमानी की मौत और ईरान के वरिष्ठ न्यूक्लियर वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह पर हुए हमले का बदला लेने का जिक्र किया गया है। याद रहे कि पिछले साल 3 जनवरी को इराक के बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कासिम सुलैमानी को अमेरिका ने ड्रोन हमलों में उस समय मार गिराया था जब वह इराक की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे थे। वहीं, ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह को नवंबर 2020 में तेहरान में सेटेलाइट कंट्रोल्ड मशीन गन से हमला कर मार दिया गया था।
हालिया हमले से पहले भी 2012 में भी इस्राईल दूतावास की एक कार में धमाका हुआ था कहा जाता है कि उस धमाके के पीछे भी दो ईरानी शामिल थे। धमाके वाली जगह से पत्र मिलने के बाद इस घटना के पीछे ईरान के हाथ होने का शक जताया जा रहा है।
देश में मोसाद की एंट्री?
इस्राईल ने दूतावास के बाहर हुए धमाके को आतंकवादी हमला बताया है। इस्राईल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि धमाके से जुड़ी सारी जानकारी विदेशमंत्री गाबी अश्केनजी को दी जा रही है और उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर सारे कदम उठाने का आदेश दिया है। कहा जा रहा है कि इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद की टीम भी इस बम धमाके की जांच के लिए दिल्ली आ सकती है।
इस्राईल ने शक जताया है कि बम धमाके के पीछे ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉप्स (IRGC) का हाथ हो सकता है। इसके साथ ही इस्राईली एंबेसी ने कहा है कि जांच के लिए इस्राईल की एक टीम नई दिल्ली आएगी। लिहाजा संभावना जताई जा रही है कि जांच टीम मोसाद की हो सकती है।
ईरान का इस्राईल संदेश
इस्राईली दूतावास के निकट हुए धमाके का उद्देश्य इस्राईल को नुकसान पहुँचाना नहीं था। कहा जा रहा है कि लो इंटेंनसिटी बम धमाके के पीछे ईरान का उद्देश्य इस्राईल को नुकसान पहुँचाना नहीं बल्कि संदेश देना था। इस्राईल ने इस धमाके को कॉर्डिनेटेड इंटरनेशनल बम अटैक बताया है। सुरक्षा एजेसिंयों से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि धमाके में मिलिट्री ग्रेड एक्सप्लोसिव (PETN) का इस्तेमाल किया गया था। PETN आसानी से उपलब्ध होने वाला विस्फोटक नहीं है। बल्कि एक वक्त अलकायदा PETN का इस्तेमाल बम धमाकों को अंजाम देने के लिए करता था। इस्राईल ने कहा है कि जो भी इस धमाके के पीछे है, जिसका भी हाथ इस बम धमाके के पीछे है, इस्राईल उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा।