उत्तरी ग़ाज़ा में नागरिक मौत के कगार पर खड़े हैं: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि, उत्तरी ग़ाज़ा के हालात तबाही की कगार पर हैं, क्योंकि इज़रायल ने हमास के लड़ाकों को निशाना बनाने के नाम पर अपने हमले जारी रखे हुए हैं। वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम और संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ ने कहा है कि उत्तरी ग़ाज़ा में नागरिक भुखमरी, हिंसा और बीमारियों के कारण मौत के कगार पर हैं।
ध्यान रहे कि इज़रायल ने इस महीने की शुरुआत में उत्तरी ग़ाज़ा में दोबारा अपना सैन्य अभियान शुरू किया है। संयुक्त राष्ट्र ने इज़रायल से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, ग़ाज़ा पर हमले रोकने, तत्काल युद्ध-विराम करने और राहतकर्मियों को निशाना न बनाने का आग्रह किया है।
न्यूयॉर्क में इज़रायल के मिशन ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के लिए इज़रायल के राजनयिक डैनियल डैनन ने पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद को बताया था कि ग़ाज़ा में सहायता की आपूर्ति कोई समस्या नहीं है और पिछले साल वहां लाखों टन मदद पहुंचाई गई थी। उन्होंने हमास पर ग़ाज़ा में पहुंचाई जाने वाली सहायता को हाइजैक करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, हमास ने इज़रायल के इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि ग़ाज़ा में सहायता की आपूर्ति की कमी के लिए यह इज़रायल का बहाना है। सोमवार को फिलिस्तीनी सिविल इमरजेंसी सेवा ने कहा था कि “जबलिया, बैत लाहिया और बैत हनून में एक लाख से अधिक फिलिस्तीनी फंसे हुए हैं।”
गौरतलब है कि अब तक इज़रायली हमलों के परिणामस्वरूप ग़ाज़ा में 43,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि एक लाख से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। ग़ाज़ा में सीमाएं बंद होने के कारण मानवीय सहायता की पहुंच मुश्किल हो गई है, जिसके चलते नागरिक भुखमरी का सामना कर रहे हैं। याद रहे कि अब तक कई फिलिस्तीनी भुखमरी के कारण मारे जा चुके हैं।