‘असाये सिनवार‘अरबी भाषा की एक नई शब्दावली, सोशल मीडिया पर वायरल
हमास नेता याह्या सिनवार की वह कार्रवाई जो उनकी शहादत से कुछ क्षण पहले ड्रोन कैमरे में कैद हुई थी, जिसमें सिनवार एक ध्वस्त इमारत में गंभीर रूप से घायल अवस्था में भी ड्रोन पर आखिरी हथियार के रूप में छड़ी फेंकते हैं, जिंदगी की आखिरी सांस तक प्रतिरोध का प्रतीक बन गई है। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि सबसे पहले इस शब्दावली का उपयोग किसने किया, लेकिन सोशल मीडिया पर ’’असाये सिनवार‘‘ प्रतिरोध का प्रतीक बनकर छा गया है। सिनवार द्वारा छड़ी फेंकने की यह कार्रवाई, इज़रायली आक्रामकता का सामना कर रहे हजारों फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रेरणा बन गई है।
हमास ने याह्या सनवार की शहादत के बाद एक बयान जारी करते हुए कहा था कि ’’वह भागे नहीं, बल्कि अपनी राइफल थामे अपने कब्ज़ा करने वाले दुश्मन से आमने-सामने लड़ते हुए उन्होंने एक नेता की तरह शहादत प्राप्त की। उनका यह कार्य हजारों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।
इसके अलावा, भारत के दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ज़फरुल इस्लाम का कहना है कि इज़रायल ने समझा कि याह्या सिनवार की शहादत के साथ फिलिस्तीनी प्रतिरोध भी समाप्त हो गया है, लेकिन उनकी शहादत के बाद ही वह एक मिसाल बन गए। उनके नाम से अरबी में एक कहावत प्रचलित हो गई। ’’मैंने उसे असाये सिनवार से मारा।‘‘ इसका मतलब यह हुआ कि ’’मैं अपने दुश्मन से अपनी पूरी ताकत के साथ आखिरी सांस तक लड़ता रहा।‘‘
एक अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता तारिक महमूद ने लिखा कि असाये सिनवार इज़रायल के रक्षा प्रणाली “डेविड स्लिंग” से ज्यादा ताकतवर है। यह लाखों दिलों के माध्यम से फेंका जाता है। जबकि अन्य उपयोगकर्ताओं ने इसे प्रतिरोध का प्रतीक माना और इसे एक संदेश, एक नसीहत और एक सबक बताया।
मध्य पूर्व के एक विश्लेषक रॉबर्ट इनक्लिश ने टीआरटी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ’’याह्या सिनवार की शहादत ने इज़रायल द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाओं और झूठ को भी उजागर कर दिया, जो यह कह रहे थे कि सिनवा रजनता के बीच छिपे हुए हैं, या वे ग़ाज़ा से किसी और देश में भाग गए हैं। लेकिन इज़रायल द्वारा फैलाए गए इस प्रचार को सिनवार के आखिरी वीडियो ने समाप्त कर दिया। इज़रायल द्वारा बनाई गई यह वीडियो खुद उनके खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बन गई।‘‘
ग़ाज़ा की एक बेघर चार बच्चों की मां रशा ने कहा कि ’’इज़रायल का कहना था कि सिनवार अपनी जान बचाने के लिए अपने आसपास बंधकों को रखते थे, वे गुफाओं में छिपे हुए थे, लेकिन हमने देखा कि वे रफाह में इज़रायली सैनिकों को ढूंढ़-ढूंढ़कर मार रहे थे। नेता इसी तरह दुनिया से विदा लेते हैं कि उनके हाथ में राइफल होती है। मैं सिनवार का एक नेता के रूप में समर्थन करती थी, लेकिन आज मैं उन पर एक शहीद के रूप में गर्व करती हूं।‘‘
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए IscPress उत्तरदायी नहीं है।