पेगासस बनाने वाली एनएसओ पर एप्पल ने मुकदमा ठोका इस्राईल की एनएसओ कंपनी पर आईफोन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एप्पल ने मुकदमा ठोका है।
पेगासस बनाने वाली एनएसओ कंपनी ऑफ ग्रुप पर एप्पल ने मुकदमा दर्ज कराया है। एप्पल का कहना है कि एनएसओ पेगासस का दुरुपयोग कर रही है। दुनिया भर में हाहाकार मचाने वाले पेगासस स्पाइवेयर को बनाने वाली एनएसओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए एप्पल ने आरोप लगाया है कि एनएसओ ने साइबर निगरानी मशीन बनाई है और इसका दुरुपयोग हो रहा है।
एप्पल का कहना है कि पेगासस के माध्यम से आईफ़ोन रखने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। एनएसओ ग्रुप राज्य प्रायोजित है। बिना किसी जवाबदेही के इस स्पाइवेयर पर लाखों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं। इसे तत्काल बदले जाने की आवश्यकता है। एप्पल के डिवाइस सबसे सुरक्षित हार्डवेयर है लेकिन राज्य प्रायोजित स्पाइवेयर विकसित करने वाली निजी कंपनियां और भी अधिक खतरनाक हो रही हैं।
याद रहे कि पेगासस बनाने वाली एनएसओ के खिलाफ एप्पल की अपील से पहले व्हाट्सएप भी अदालत जा चुका है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने भी फेसबुक के मुकदमे का समर्थन किया था। एप्पल ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि पेगासस स्पाइवेयर आईफोन और एंड्रॉयड मोबाइल के फोन के माइक्रोफोन, कैमरा समेत अन्य दूसरे डाटा तक सरकार को पहुंच बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
एप्पल ने अपनी रिपोर्ट में उन तथ्यों का भी हवाला दिया है जब पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया गया है। एनएसओ का दावा है कि उसके ग्राहक निजी ना होकर अलग-अलग देशों की सरकारें हैं। आपको बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में एनएसओ को प्रतिबंधित कंपनियों की ब्लैक लिस्ट में डाला था। अमेरिका की ब्लैक लिस्ट में आने का मतलब है कि अमेरिका से किसी भी तकनीक को खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
एमआईटी टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार एनएसओ के ब्लैक लिस्ट होने के बाद इस कंपनी के कर्मचारियों के मनोबल और कंपनी के कारोबार पर भी प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद इस कंपनी के लिए विंडोज और आईफोन चलाने वाले लैपटॉप जैसे आइटम खरीदने के लिए भी सरकार से अनुमति मांगनी होगी और अमेरिकी सरकार के पास यह विकल्प होगा कि वह एनएसओ की मांग की अनदेखी कर दे।