अमेरिकी युद्धपोत और सैन्य ठिकाने, सब हमारे निशाने पर हैं: ईरान
मिसाइल हमलों से बचने के लिए इज़राइल को अमेरिका की ओर से एक और एंटी-मिसाइल सिस्टम “थाड” मिलने के बाद यह आशंका बढ़ गई है कि तेल अवीव किसी भी समय तेहरान के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए खुद को तैयार बताते हुए ईरान ने मंगलवार को सीधे अमेरिका को ललकारा है। ब्रिगेडियर जनरल इब्राहीम जबारी, जो ईरानी पासदार-ए-इंक़लाब के प्रमुख के सलाहकार हैं, ने धमकी दी है कि अगर इज़राइल ईरान पर हमला करता है और उस हमले में अमेरिका उसकी मदद करता है, तो फिर अमेरिकी हित भी ईरान की जवाबी कार्रवाई के संभावित लक्ष्यों में शामिल होंगे।
ईरान के खिलाफ इज़राइल के तेवरों में नरमी
1 अक्टूबर को इज़राइल पर ईरान द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों की बारिश के बाद तेल अवीव ने जवाबी कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे किए थे। ईरान के न्यूक्लियर और तेल ठिकानों को निशाना बनाने की बातें हो रही थीं, लेकिन तेहरान के कड़े तेवर और पहले से भी कड़े हमले की चेतावनी के बाद तेल अवीव के तेवर नरम होते नजर आ रहे हैं। ईरान के खिलाफ इज़राइल की प्रस्तावित जवाबी कार्रवाई की जानकारी मंगलवार को सामने आई है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइली राज्य ने अमेरिका को आश्वासन दिया है कि वह ईरान के न्यूक्लियर या तेल ठिकानों पर हमला नहीं करेगा, बल्कि उसके निशाने पर केवल सैन्य ठिकाने होंगे।
इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की धमकी
इज़राइली हमले की जानकारी सामने आने के बाद इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शर्मिंदगी मिटाने के लिए कहा है कि ईरान के खिलाफ इज़राइल की कार्रवाई देश के राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर की जाएगी। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट और वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि “हम अमेरिका की राय सुनेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय अपने राष्ट्रीय हितों की समीक्षा करने के बाद उन्हें ध्यान में रखकर करेंगे।” हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह नहीं कहा कि ईरान में इज़राइल किन लक्ष्यों को निशाना बना सकता है।
ईरान का तेल अवीव और अमेरिका दोनों को चेतावनी
हालांकि, ईरान अपने इस रुख पर कायम है कि तेल अवीव पर उसका हमला एक जवाबी कार्रवाई था। अब अगर इज़राइल ने फिर से ईरान के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की हिम्मत की, तो उसे पहले से भी कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। मंगलवार को ईरानी पासदार-ए-इंक़लाब के प्रमुख के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल इब्राहीम जबारी ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि “अमेरिका को यह पता होना चाहिए कि किसी दिन अगर वह युद्ध में शामिल हो जाते हैं और इस्लामी गणराज्य ईरान के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं, तो (मध्य पूर्व में) उनके सैन्य ठिकाने, उनके हित और उनके युद्धपोत सब हमारे निशाने और हथियारों की पहुंच में होंगे।”
अमेरिका अभी हमारा सामना करने के लिए तैयार नहीं है
ईरान की प्रेस टीवी से बातचीत करते हुए ब्रिगेडियर जनरल जबारी ने आगे कहा कि “अमेरिका अभी हमारा यानी प्रतिरोध की धुरी और मुस्लिम दुनिया का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।” इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका कोई “मूर्खता” नहीं करेगा। ईरानी जनरल ने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा कि “भले ही अमेरिकी इज़राइल का समर्थन करते हैं, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वे ईरान से टकराने की गलती करेंगे, क्योंकि वे खुद हमेशा इज़राइल को यह सलाह देते हैं कि इस्लामी गणराज्य से टकराने की मूर्खता न करे।” यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने इज़राइल के ईरान पर हमले के बाद संभावित जवाबी हमले से बचने के लिए तेल अवीव को एक और मिसाइल डिफेंस सिस्टम प्रदान किया है।