अमेरिका और ब्रिटेन का यमन पर दोबारा हमला

अमेरिका और ब्रिटेन का यमन पर दोबारा हमला

अमेरिका और ब्रिटेन ने लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हूती लड़ाकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल दोनों देशों की सेनाओं ने यमन में कई जगहों पर हूती लड़ाकों के ठिकानों पर हवाई हमला किया है। बहरीन खुलकर अमेरिका और ब्रिटेन के समर्थन में आ गया है। अमेरिका और ब्रिटेन के हमले को सऊदी अरब का भी समर्थन माना जा रहा है। वहीं हूती लड़ाकों ने यूएई और सऊदी अरब को भी चेतावनी दे दी है।

गौरतलब है कि इज़रायल-हमास युद्ध के बाद से हूती लड़ाकों द्वारा फिलिस्तीनियों के समर्थन में लाल सागर इलाके में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया जा रहा था। इससे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा प्रभावित हो रही थी। अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा के लिए निगरानी भी बढ़ा दी थी। भारत ने भी अपने पांच युद्धक जहाजों को अरब सागर और लाल सागर में तैनात किया है, ताकि हूती विद्रोहियों और समुद्री लुटेरों के हमलों को नाकाम किया जा सके।

हूती लड़ाकों का कहना है कि वह गाजा के साथ एकजुटता से काम कर रहे हैं। बता दें कि लाल सागर में जहाजों पर हूतियों पर हमलों के बाद पूरे क्षेत्र में इजरायल-हमास युद्ध फैलने की आशंका पैदा हो गई है। UN सचिव एंटोनियो गुटरेज के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “सेक्रेट्री जनरल ने इसमें शामिल सभी पक्षों से लाल सागर और व्यापक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के हित में स्थिति को और अधिक न बढ़ाने का आह्वान किया है।

यमन पर अमेरिका-ब्रिटेन के हमले पर रूस ने नाराज़गी जताई

UN में रूस के राजदूत ने यमन के हूती विद्रोहियों पर अमेरिका-ब्रिटेन के हमले को “दूसरे देश के खिलाफ ज़बरदस्त सशस्त्र आक्रामकता” करार दिया। वासिली नेबेंज़्या ने अमेरिका और यूके की कार्रवाई के बारे में कहा,” इन सभी राज्यों ने यमनी क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर हमला किया। मैं देश के भीतर किसी समूह पर हमले के बारे में बात नहीं कर रहा, बल्कि पूरे देश के लोगों पर हमले के बारे में बात कर रहा हूं। विमानों, युद्धपोतों और पनडुब्बियों से हमला किया गया, इन हमलों को सहयोगी देशों का समर्थन प्राप्त है।

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