अगर आडवाणी जी राम लला के दर्शन करने आए, तो यह खुशी का क्षण होगा: आचार्य सत्येन्द्र

अगर आडवाणी जी राम लला के दर्शन करने आए, तो यह खुशी का क्षण होगा: आचार्य सत्येन्द्र

अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी के शामिल होने की खबर से यहां के लोगों में खुशी और उत्साह का माहौल है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे।

96 वर्षीय आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं और एक अन्य भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ 1990 के दशक की शुरुआत में राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे थे। लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि वो केवल रथ के सारथी रहे लेकिन ये भाग्य का फ़ैसला है कि एक दिन राम मंदिर हक़ीक़त बन जाएगा।

राष्ट्रधर्म’ पत्रिका के लिए लिखे एक लेख में लालकृष्ण आडवाणी ने 33 साल पहले की घटनाओं को याद किया और कहा कि वो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या जाना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें खुशी है कि भगवान राम ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपने भक्त को चुना है। ‘श्री राम मंदिर: एक दिव्‍य स्वप्‍न की पूर्ति’ नाम का ये लेख, 76 साल पुरानी इस पत्रिका के 15 जनवरी के अंक में छपने वाला है।

अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह विवाद में आ गया है। पुरी और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्यों ने खुलकर इस कार्यक्रम को राजनीतिक बनाने की आलोचना की है। उनका कहना है कि संतों, धर्माचार्यों को दरकिनार कर दिया गया है। सनातन मूल्यों का पालन नहीं किया जा रहा है। अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। कई अन्य संतों ने कहा है कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा तो वहां मूर्तियां स्थापित करते समय ही हो गई थी।

इस कार्यक्रम को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय ने बयान दिया था कि आडवाणी और जोशी को न्यौता भेजा गया है लेकिन उन दोनों से उनकी उम्र के कारण आने से मना किया गया है। चंपत राय के इस बयान की काफी आलोचना हुई, क्योंकि आडवाणी को आरएसएस के राम मंदिर प्रोजेक्ट का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है। उनकी रथ यात्रा के बाद ही राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत हुई।

इस कार्यक्रम में विपक्षी दलों के नेताओं को भी बुलाया गया। लेकिन कांग्रेस ने कहा कि यह राजनीतिक कार्यक्रम बन गया है, इसलिए इसमें वो शामिल नहीं होगी। इन्हीं बातों को ममता बनर्जी की टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम आदि ने भी कहा है। कार्यक्रम में बॉलीवुड के फिल्मी सितारों और क्रिकेटरों को बुलाया गया है। आम जनता से कहा गया है कि वो फिलहाल 22 जनवरी को नहीं आए। बाद में जरूर आए। भाजपा ने भक्तों के लिए 23 मार्च तक ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम किया है।

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