ग़ाज़ा में सभी बालिग़ फिलिस्तीनियों को फांसी दे देनी चाहिए, इज़रायली संसद के डिप्टी स्पीकर का शर्मनाक बयान
ऐसे समय पर जब इज़रायली हमलों में अब तक 48,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, 100,000 से अधिक घायल हुए हैं, इज़रायली संसद के डिप्टी स्पीकर ने एक शर्मनाक, विवादास्पद, और बहुत ही बेहूदा बयान दिया है। उनके इस बयान की चौतरफ़ा निंदा की जा रही है। उनके इस बयान ने यह सिद्ध कर दिया है कि, उनके अंदर और नेतन्याहू प्रशासन के अंदर इंसानियत नाम की कोई चीज़ नहीं है।
इज़रायली संसद के डिप्टी स्पीकर का बयान
कोल बाराम रेडियो के साथ अपने इंटरव्यू में, डिप्टी स्पीकर नसीम वतूरी ने फिलिस्तीनियों को “गुंडा” और “बर्बर” क़रार देते हुए कहा कि “इंसानों के इस समूह को स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने आगे कहा, “ग़ाज़ा में मासूम कौन है? नागरिक बाहर निकले और लोगों को मार डाला। ये अलग-थलग हैं और दुनिया को इनकी कोई ज़रूरत नहीं है। इज़रायल को चाहिए कि वह बच्चों को अलग करे और सभी बालिग़ फिलिस्तीनियों को मार डाले।”
Psychopathic, blood-thirsty war criminal 😡
TRT World: Deputy Speaker of the Knesset Nissim Vaturi, of the far-right Likud party, called for the killing of all adults in Gaza, stating, “The children and women must be separated, and the adults in Gaza must be eliminated. pic.twitter.com/dDXARZ7bXk
— Maha Mehanna 🇵🇸 (@MahaMehanna) February 25, 2025
उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी जानता है कि ग़ाज़ा के नागरिकों को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, और लोग उन्हें इज़रायल की ओर धकेल रहे हैं।
डिप्टी स्पीकर, जो इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से हैं, ने यह भी कहा, “क़ब्ज़ाधारी वेस्ट बैंक और जेनिन को जल्द ही ग़ाज़ा बना दिया जाएगा। समझौते के तहत रिहा किए गए फिलिस्तीनियों को वहां रखा जाएगा और बाद में खत्म कर दिया जाएगा। जेनिन को खत्म कर दीजिए। लड़ाकों की तलाश मत कीजिए। अगर किसी घर में कोई लड़ाका है, तो उसे मार दीजिए और महिलाओं और बच्चों से कहिए कि वे बाहर चले जाएं।”
गौरतलब है कि ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब इज़रायल, फिलिस्तीनी क़ैदियों और हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई में देरी कर रहा है, जिन्हें रविवार को हमास और इज़रायल के बीच हुए युद्ध-विराम और बंदियों की अदला-बदली के समझौते के तहत रिहा किया जाना था। इज़रायल को 6 इज़रायली बंधकों के बदले 602 फिलिस्तीनियों को रिहा करना था।
हमास ने घोषणा की थी कि “जब तक उन क़ैदियों को रिहा नहीं किया जाता, जिनका वादा किया गया था, तब तक वह वार्ता निलंबित कर देगा।” हमास के वरिष्ठ अधिकारी महमूद मरदावी ने मध्यस्थों से कहा था कि “वे युद्ध-विराम समझौते का पालन सुनिश्चित कराने के लिए इज़रायल पर दबाव डालें।”