“ग़ाज़ा जनसंहार” में 15 वैश्विक कंपनियों की भागीदारी का ख़ुलासा
अमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि, कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां ग़ाज़ा में फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ़, इज़रायल के सामूहिक नरसंहार नीति और अपराधों में शामिल हैं। फ़ारस न्यूज़ एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय डेस्क के अनुसार, अमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा कि, अब समय आ गया है कि, देश, सरकारी संस्थाएं, कंपनियां, विश्वविद्यालय और निजी संस्थान अपनी उस घातक लत को छोड़ें, जिसमें किसी भी क़ीमत पर सिर्फ़ मुनाफ़ा और आर्थिक फ़ायदे को देखा जाता है।
कैलामार्ड ने जोड़ा कि, अगर इज़रायल को गहरे और स्थायी आर्थिक-व्यापारिक समर्थन न मिला होता, तो 57 साल की ग़ैरक़ानूनी क़ब्ज़ेदारी जारी न रहती और नस्लभेदी (अपार्थाइड) व्यवस्था दशकों तक जड़ें न जमाती। इसी तरह, 23 महीनों तक लगातार बमबारी और नरसंहार भी उन सरकारों और कंपनियों की मदद के बिना मुमकिन नहीं था, जो अपराधों को नज़रअंदाज़ करते हुए हथियार और निगरानी उपकरण भेजते रहे।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि, यह सिलसिला तुरंत रोका जाना चाहिए। इंसानी गरिमा कोई वस्तु नहीं है। जबकि ग़ाज़ा में फ़िलिस्तीनी माताएं अपने बच्चों को भुखमरी से तड़पते देख रही हैं, हथियार कंपनियां और कारोबारी अरबों का मुनाफ़ा कमा रहे हैं। अमनेस्टी ने अपने सभी सदस्यों और समर्थकों से अपील की है कि, वे उस “राजनीतिक अर्थव्यवस्था” को ख़त्म करने की मांग करें जो इज़रायल के अंतरराष्ट्रीय अपराधों की बुनियाद है।
रिपोर्ट में 15 इज़रायली और विदेशी कंपनियों के नाम दर्ज हैं जो ग़ैरक़ानूनी क़ब्ज़े, नरसंहार और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों में शामिल हैं। इनमें अमेरिकी कंपनियां बोइंग और लॉकहीड मार्टिन, इज़रायली हथियार कंपनियां एल्बिट सिस्टम्स, राफ़ाएल एडवांस्ड डिफ़ेंस सिस्टम्स, और IAI (इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़), चीनी कंपनी हाइक-वीज़न, स्पेन की CAF (कनस्त्रुक्शन्स ई ऑक्सिलियार दे फेर्रोकारिलेस), दक्षिण कोरिया की एचडी ह्युंडई, अमेरिकी सॉफ़्टवेयर कंपनी पलैंटिर टेक्नोलॉजीज़, इज़रायली टेक्नोलॉजी कंपनी कौरसाइट और इज़रायल की सरकारी जल कंपनी मेकोरोट शामिल हैं।
पलैंटिर टेक्नोलॉजीज़ आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के अपने उत्पाद और सेवाएं ग़ाज़ा में इज़रायली सेना और खुफ़िया एजेंसियों को उपलब्ध कराती है।
मेकोरोट वेस्ट बैंक में जल आपूर्ति नेटवर्क को इस तरह मैनेज करती है कि फ़िलिस्तीनियों के साथ भेदभाव होता है और यह ग़ैरक़ानूनी इज़रायली बस्तियों को फायदा पहुँचाता है।
CAF यरूशलम की लाइट रेल परियोजना में शामिल है जो बस्तियों के विस्तार को आसान बनाती है।
एचडी ह्युंडई वे भारी मशीनें और उपकरण बनाती और उपलब्ध कराती है जो फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में ग़ैरक़ानूनी विध्वंस में इस्तेमाल होते हैं।
अमनेस्टी ने कहा कि ये 15 कंपनियां केवल एक छोटी मिसाल हैं। हक़ीक़त में बहुत से लोग और संस्थाएं उस शासन का सहारा बने हुए हैं जिसने फ़िलिस्तीनियों को दशकों से भूखमरी, जनसंहार और बुनियादी अधिकारों से वंचित करने की इंजीनियरिंग की है।
यह अपील ऐसे समय की गई है जब 18 सितंबर 2024 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें इज़रायल से 12 महीने के भीतर ग़ैरक़ानूनी क़ब्ज़े को ख़त्म करने की मांग की गई थी। अमनेस्टी इंटरनेशनल ने अंत में दुनिया के सभी देशों से तुरंत इज़रायल को हथियार, सैन्य और सुरक्षा उपकरण, निगरानी सिस्टम, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस तकनीक और क्लाउड इंफ़्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने पर रोक लगाने की मांग की।


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