यमन पर इज़रायली हमले में 12 आम नागरिक शहीद
यमन पर इज़रायल के ताजा हवाई हमलों ने देश के विभिन्न हिस्सों को निशाना बनाया, जिसमें सना और हुदैदा के क्षेत्र शामिल हैं। इन हमलों में कुल 9 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यमनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों का उद्देश्य यमन की सैन्य गतिविधियों को रोकना है, जो फिलिस्तीन के ग़ाज़ा क्षेत्र के समर्थन में जारी हैं।
हुदैदा में भारी तबाही
हुदैदा के सलीफ बंदरगाह पर इज़रायली हवाई हमले ने 7 लोगों की जान ले ली। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि हमले के दौरान बंदरगाह के आसपास के इलाके में व्यापक तबाही हुई। इसके अलावा, रास ईसा के तेल प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में 2 लोग शहीद और 1 व्यक्ति घायल हुआ।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, इज़रायल ने हुदैदा बंदरगाह पर कुल 7 हवाई हमले किए। इन हमलों में 2 अन्य लोग घायल हो गए, जिनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इन हमलों से न केवल जनहानि हुई है, बल्कि यमन की बुनियादी संरचनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
सना पर भी इज़रायली हमले
इज़रायल ने यमन की राजधानी सना के दक्षिणी हिस्से में हजीज बिजली संयंत्र पर 4 हवाई हमले किए। इन हमलों के कारण बिजली संयंत्र में भीषण आग लग गई, जिसे अभी तक बुझाने की कोशिशें जारी हैं। राजधानी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित ज़ेहबान बिजली संयंत्र पर भी 2 हवाई हमले किए गए। दमकल कर्मियों ने ज़ेहबान में आग पर काबू पा लिया है, लेकिन हजीज में स्थिति नियंत्रण में नहीं है।
हमलों का मकसद
इज़रायली द्वारा यमन पर किए गए ये हमले ऐसे समय में हो रहे हैं, जब यमनी सेना ने ग़ाज़ा के समर्थन में अपने सैन्य अभियानों को तेज कर दिया है। ग़ाज़ा पिछले चार सौ दिनों से इज़रायल द्वारा किए जा रहे नरसंहार का शिकार हो रहा है। इस संघर्ष में अधिकांश अरब देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी भी चौंकाने वाली है।
इज़रायल की इस कार्रवाई का उद्देश्य यमन की सैन्य गतिविधियों को रोकना और उसे ग़ाज़ा के समर्थन से हटाना है। हालांकि, यमन की जनता और सरकार ने बार-बार यह साफ किया है कि वह ग़ाज़ा के समर्थन से पीछे नहीं हटेगी और हर स्तर पर फिलिस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा करेगी।