ईरान से निपटने के लिए सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच तेल डील ईरान के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए सऊदी अरब ने पाकिस्तान के साथ तेल समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
ईरान के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रभाव को सीमित करने के लिए सऊदी अरब नें पाकिस्तान के साथ तेल समझौता किया है ताकि क्षेत्र में ईरान के बढ़ते प्रभाव को सीमित किया जा सके।
इस्लामाबाद के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुलासा किया है कि सऊदी अरब जुलाई से फिर से पाकिस्तान को तेल सहायता शुरू करते हुए कम से कम प्रति वर्ष 1.5 बिलियन डॉलर की कीमत का तेल देना शुरू कर देगा।
watanserb.com की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब की यह तेल डील क्षेत्र में बढ़ते ईरान के प्रभाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि सऊदी अरब की ओर से पाकिस्तान को फिर से 1.5 बिलियन डॉलर की वार्षिक तेल सहायता उस समय देने की बातें सामने आ रही हैं जब सऊदी अरब अमेरिका और कतर के साथ अपने डिप्लोमेटिक संबंधों को मजबूत करते हुए ईरान के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने की कूटनीति पर आगे बढ़ रहा है।
याद रहे कि सऊदी अरब ने 4 वर्ष बाद फिर से कतर के साथ अपने संबंधों को बहाल किया है। सऊदी अरब ने 2017 में कतर पर आतंकवाद के समर्थन का आरोप लगाते हुए इस देश के लिए अपनी जल, वायु एवं थल सीमा को बंद करते हुए अरब के इस छोटे से देश की पूर्ण नाकाबंदी कर दी थी। सऊदी अरब के साथ साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, बहरैन और मिस्र ने भी कतर का बॉयकॉट कर दिया था।