हाईकोर्ट की योगी सरकार को फटकार, कहा डॉ कफ़ील 4साल से सस्पेंड क्यों?
गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड डॉ कफ़ील अहमद ख़ान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्ज़ी दाख़िल की थी, अदालत ने पूछा ऐसा क्या हुआ, जो अभी तक कार्यवाही पूरी नहीं हुई।
गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में डॉ कफ़ील ने अब अपने सस्पेंशन को लेकर हाईकोर्ट में चैलेंज दिया है, उनकी अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने भी योगी सरकार के रवैये पर नाराज़गी जताते हुए फटकार लगाई और पूछा कि आख़िर पूरे 4 साल डॉ कफ़ील को सस्पेंड क्यों रखा गया है, साथ ही अदालत ने यह भी पूछा कि आख़िर ऐसा क्या हुआ है कि अभी तक कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की सिंगल बेंच ने अब इस मामले में राज्य सरकार से 5 अगस्त तक जवाब मांगा है, अदालत का कहना है कि इतने लंबे समय तक कार्यवाही विलंब होने के पीछे कारण क्या है और क्यों इतने लंबे समय से डॉ कफ़ील सस्पेंड चल रहे हैं, इसके साथ ही अदालत ने फ़रमान सुनाया कि अभी तक की जाने वाली जांच को कोर्ट में पेश किया जाए, साथ ही जांच को जल्द पूरा कर मुमकिन कार्यवाही का आदेश दिया।
याचिका दायर करने वाले डॉ कफ़ील का कहना है कि उन्हें 22 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी के मामले में सस्पेंड किया गया था, मामले को लेकर जांच भी कराई गई थी, उन्होंने बताया कि कार्यवाही पूरी नहीं होते देख हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, हाई कोर्ट ने 7 मार्च 2019 को आदेश दिया था कि तीन महीने के अंदर कार्यवाही पूरी की जाए, उसके बाद डिपार्टमेंट ने 15 अप्रैल 2019 को रिपोर्ट पेश की जिसके बाद 11 महीने के बाद 24 फ़रवरी 2020 को जांच को स्वीकर करने के बाद 2 बातों की जांच का फिर आदेश दिया गया।
डॉ कफ़ील का कहना है कि वह 4 साल से इंसाफ़ के लिए भटक रहे हैं, उन्होंने कहा कि इनके मामले में जो भी फ़ैसला लेना, ऑफिसर्स लें, लेकिन जांच को 4 साल तक पेंडिंग में डालना सही नहीं है, अदालत ने अब इस मामले में कड़ा रुख़ अपनाते हुए कहा कि अगली सुनवाई अब 5 अगस्त को होगी।