उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टले तो किससे होगा फायदा, जानिए राजनीतिक समीकरण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक अपील चर्चा का विषय बनी हुई है।
उत्तर प्रदेश चुनाव को स्थगित कर देने की अपील करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में विचार विमर्श करने की अपील की थी। गुरुवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपील की थी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को अभी स्थगित कर दिया जाना चाहिए।
इस बीच खबर आ रही है कि निर्वाचन आयोग 27 दिसंबर को हेल्थ सेक्रेटरी के साथ बैठक करने जा रहा है। इस बैठक के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आयोजन को लेकर कोई फैसला हो सकता है। अटकले लगाई जा रही हैं कि शायद कुछ समय के लिए विधानसभा चुनाव को टाल दिया जाए।
अगर विधानसभा चुनाव टाले जाते हैं तो इसका लाभ किसे होगा इस बात को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। सत्तारूढ़ दल की ओर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के लोकार्पण, गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला के साथ-साथ गोरखपुर में खाद फैक्ट्री की शुरुआत की जा चुकी है।
भाजपा ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अन्य कई आयोजनों की तैयारी कर ली है। भाजपा सरकार चुनाव नजदीक आते ही अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए विकास परियोजनाओं का पिटारा खोले हुए है। अगर विधानसभा चुनाव कुछ समय के लिए टाले जाते हैं तो सत्ताधारी दल कुछ और योजनाओं का शिलान्यास करते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर सकता है और नई योजनाओं की घोषणा राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में संदेश देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
लोक लुभावनी घोषणाओं के क्रम में ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि गाजियाबाद से लखनऊ के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा जो कानपुर से होते हुए गुजरेगा। भाजपा सरकार अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए लंबित शिक्षक भर्ती , लेखपाल भर्ती एवं सिपाही भर्ती में भी तेजी दिखा सकती है जिसका लाभ उसे चुनाव में मिल सकता है।