वीएचपी ने राम मंदिर पर पश्चिमी मीडिया की कवरेज को पक्षपातपूर्ण बताया
अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में विश्व हिंदू परिषद की शाखाओं ने अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पक्षपात कवरेज को लेकर अपने-अपने देश की पश्चिमी मीडिया की आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने नए समाचार के लेखों को हटाने की मांग भी की है। विहिप ने एक बयान में कहा, ‘विहिप की अमेरिका शाखा मांग करती है कि एबीसी, बीबीसी, सीएनएन, एमएसएनबीसी और अल जजीरा अपनी वेबसाइट से समाचार लेखों को तत्काल हटाएं।
अमेरिका में विश्व हिंदू परिषद ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘वीएचपी अमेरिका पश्चिमी मीडिया के समाचार लेखों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग करता है। इस झूठी प्रचार के लिए हम सार्वजनिक तौर पर हिंदू समुदाय से माफी मांगने का आह्वान करते हैं। हम इन समाचार प्लेटफॉर्म से आग्रह करते हैं कि वह प्रसांगिक तथ्यों के साथ ही दोबारा लेख प्रकाशित करें।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पक्षपातपूर्ण कवरेज के जरिये झूठी कहानियों के कारण न केवल असामाजिक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है, बल्कि शांतिप्रिय, मेहनती और योगदान देने वाले हिंदू अमेरिकी समुदाय के लिए भी खतरा पैदा होता है। उसने कहा कि इस तरह का कार्य गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता के समान हैं, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।’
विहिप अमेरिका ने कहा, ‘हम इन समाचार मंचों से आग्रह करते हैं कि वे ऐतिहासिक संदर्भ और राम मंदिर के निर्माण का समर्थन करने वाले भारत की सुप्रीम कोर्ट के फैसले जैसे सभी प्रासंगिक तथ्यों को शामिल करने के बाद ही लेखों को दोबारा प्रकाशित करें। संगठन ने यह भी कहा कि पक्षपातपूर्ण कवरेज के जरिए झूठी कहानियों के कारण न सिर्फ असामाजिक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है, बल्कि शांतिप्रिय, मेहनती और योगदान देने वाले हिंदू अमेरिकी समुदाय के लिए भी खतरा पैदा होता है।
संगठन ने कहा कि इस तरह का कार्य गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता के समान है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। वीएचपी कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भी इसी तरह का बयान जारी किया गया है। उन्होंने कहा, ‘दुनियाभर में हिंदू समुदाय शांतिप्रिय और प्रगतिशील हैं। वे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में विश्वास रखते हैं। ऐसे लेख समाज में हिंदू समुदाय के लिए नफरत पैदा कर सकते हैं। यह हिंदूफोबिया को बढ़ावा दे सकता है।’
ऐसा ही बयान विहिप की आस्ट्रेलिया शाखा ने भी जारी किए। विहिप ऑस्ट्रेलिया ने कहा, ‘हम पूछना चाहते हैं कि क्यों और किस आधार पर एबीसी, एसबीएस और 9न्यूज ने अवनि डायस, मेघना बाली और सोम पाटीदार जैसे हिंदू विरोधियों से पक्षपातपूर्ण प्रतिक्रिया ली और गलत तथ्य पेश किए। हम नहीं मानते कि इन तीनों संस्थानों को कोई ऐसा रिपोर्टर नहीं मिला होगा जो निष्पक्ष और तथ्यात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सके।


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