उद्धव ठाकरे की दो टूक , दादागिरी की तो हवा निकाल देंगे
महाराष्ट्र की सियासत में हनुमान चालीसा विवाद को लेकर सत्ताधारी दल शिवसेना एवं विपक्ष में लगातार वाद विवाद जारी है। हनुमान चालीसा विवाद को लेकर अब शिवसेना प्रमुख एवं गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है।
उद्धव ठाकरे ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा है कि अगर आपके घर पर हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत नहीं है और आप हमारे घर में आकर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहते हैं तो आइए आपका स्वागत है। लेकिन उसका भी एक तरीका होता है। आपको घर आना है तो आओ लेकिन तमीज़ से आओ।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि दिवाली हो या दशहरा या फिर कोई अन्य त्योहार, घर पर अक्सर साधु महात्मा आते ही रहते हैं। जब बालासाहेब जिंदा थे, मां साहेब जिंदा थी तब भी आते थे और आज भी आते हैं, लेकिन वह अपने आने की खबर पहले ही कर देते हैं। वह पहले ही बाकायदा बता कर आते थे कि मैं आपके घर आना चाहता हूं।
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति का नाम लिए बिना उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे घर पर जरूर आए, हम आप का आदर सत्कार करेंगे लेकिन अगर दादागिरी की गई तो शिवसेना प्रमुख ने हिंदुत्व के पाठ में यह भी पढ़ाया है कि दादागिरी कैसे निकाली जाती है। मुझे इस से ज्यादा कुछ भी नहीं बोलना है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बहुत से मुख्यमंत्री हुए हैं लेकिन लोकप्रिय मुख्यमंत्री वही होता है जिसके साथ जनता का प्यार होता है। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से कहा जा रहा है कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है। क्या हिंदुत्व कोई धोती है जिसे मैंने बांधा और छोड़ दिया ? हमें हिंदुत्व सिखाने वालों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन्होंने हिंदुत्व के लिए किया ही क्या है।
राम मंदिर बनाने का फैसला भी आपने नहीं अदालत ने किया है। आप मुझे हिंदुत्व के बारे में क्या सिखाते हैं ? मुझे हिंदुत्व बाला साहब ठाकरे ने सिखाया है। आपने तो राम मंदिर बनाते समय भी लोगों के सामने हाथ फैला दिए हैं। ठाकरे ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि हम गदाधारी हिंदुत्ववादी हैं, घंटाधारी हमें हिंदुत्व ना सिखाएं।