भारत सरकार से टकराव ट्विटर को पड़ रहा भारी, 25 फीसदी शेयर टूटे
सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर का भारत सरकार के साथ टकराव से काफी भारी पड़ रहा है. इस टकराव के कारण ट्विटर के पिछले चार महीने में करीब 25 फीसदी शेयर टूट गए हैं.
बता दें कि भारत सरकार ने आईटी नियमों में बदलाव किया है जिसके मुताबिक अब ट्विटर को भारत में कानूनी सुरक्षा खत्म हो गई है. 16 जून को ट्विटर ने भारत में मिला कानूनी संरक्षण भी खो दिया है और अब इसपर किसी भी थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए IPC के तहत एक्शन लिया जा सकता है. फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
पिछले तीन-चार महीने में भारत सरकार से लगातार टकराव के कारण ट्विटर को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में पिछले सप्ताह बुधवार को ट्विटर का शेयर करीब आधा फीसदी टूटकर 59.93 अमेरिकी डॉलर पर बंद हुआ.
बता दें कि इस साल 26 फरवरी को ट्विटर के शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई 80.75 डॉलर पर पहुंच गए थे. लेकिन इसके बाद से अब तक इसमें करीब 25.78% की गिरावट आई है. ट्विटर की बाजार पूंजी घटकर 47.64 अरब डॉलर रह गई है.
पिछले साल 13 नवंबर को जब केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजकर लेह को लद्दाख की जगह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाने पर आपत्ति जताई थी इस नोटिस के बाद सोशल मीडिया पर #BanTwitter ट्रेंड होने लगा था.
इसके बावजूद इसके शेयर फरवरी तक चढ़ते रहे. इसके बाद भारत सरकार ने ट्विटर को एक नोटिस भेजकर किसान आंदोलन समर्थक कई अकाउंट को बैन करने को कहा था साथ ही सरकार ने इस बात की चेतावनी दी थी कि अगर ट्विटर ने उन अकाउंट को बैन नहीं किया तो उसको ITAct एक्ट के section 69A के इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.
उसके बाद सरकार ने 8 फरवरी को ट्विटर को ऐसे 1,178 अकाउंट को हटाने को कहा था जिन पर सरकार का आरोप था कि वो सभी अकाउंट खालिस्तान समर्थक हैं या उन अकाउंट से पाकिस्तान के सहयोग से किसान के लिए और सरकार के खिलाफ ट्रेंड चलाया जा रहा है. लेकिन ट्विटर ने केंद्र सरकार की इस नोटिस का जवाब ही नहीं दिया था .
इस साल की शुरुवात में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए न्यू आईटी रूल के तहत नई आचार संहिता बनाई. तब तक ट्विटर के शेयरों पर कोई असर नहीं हुआ था और 26 फरवरी को इसके शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गए.
लेकिन भारत सरकार से टकराव बढ़ने के कारण ट्विटर के शेयर संभल नहीं पाए और रिपोर्ट के अनुसार 13 मई को ट्विटर के शेयर टूटकर 50.11 डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गए थे. उसके बाद 5 जून को केंद्र सरकार की तरफ से ट्विटर को एक फाइनल और आख़िरी नोटिस भेजा गया था लेकिन ट्विटर ने 16 जून तक नए आईटी रूल का पालन नहीं किया था जिसके बाद 16 जून को ट्विटर ने भारत में मिला कानूनी संरक्षण भी खो दिया है