नए हिट एंड रन कानून के विरोध में चक्काजाम के कारण, ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप
हाल ही में केंद्र सरकार की और से लाए गए एक नए बिल, हिंट एंड रन, कानून के विरोध में पूरे देश में ट्रक, डंपर, प्राइवेट बस चालकों ने चक्का जाम कर दिया है। उनका कहना है कि ये कानून गलत है और इसे वापस लेना चाहिए। इसी मांग को लेकर मुंबई, इंदौर से लेकर दिल्ली-हरियाणा, यूपी, राजस्थान समेत कई जगहों पर चालकों ने अपने-अपने वाहन सड़कों पर खड़े कर जाम लगा दिया है।
क्या है हिंट एंड रन कानून?
मीडिया रिपोटर्स की माने तो केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई भी ट्रक,डंपर,बस चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी। इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा, पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था। पुराने कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था।
ऐसे में सरकार के इस फैसले के बाद सभी चालकों में भारी आक्रोश है। इनका कहना है कि यह सरासर गलत है, सरकार को यह कानून वापस लेना होगा। वहीं इंदौर से मुंबई, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सभी जगहों पर चक्का जाम हो गया है। इस कानून को लेकर जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन‘ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद किया, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
महाराष्ट्र के सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया गया। वहीं, नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है। नासिक जिले में टैंकर चालकों ने काम बंद कर दिया और एक हजार से अधिक टैंकर पनेवाडी गांव में खड़े कर दिए। पनेवाडी गांव एक ईंधन डिपो है, जहां ये टैंकर खड़े किए गए।
गुजरात में भी नए कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों पर वाहन खड़े कर नाकेबंदी की। मेहसाणा में मेहसाणा-अंबाजी राजमार्ग और खेड़ा में अहमदाबाद-इंदौर राजमार्ग कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गए क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों पर जलते हुए टायर रख दिए। प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों ने सड़क पर टायरों और कूड़े में भी आग लगाकर विरोध किया।