इस बार एनडीए की राह पहले जितनी आसान नहीं होगी: भुजबल
इस बार महाराष्ट्र में एनडीए की राह इतनी आसान नहीं होगी क्योंकि लोगों में उद्धव ठाकरे और शरद पवार के प्रति सहानुभूति की लहर है। ये बयान किसी महा विकास अघाड़ी नेता का नहीं बल्कि एनसीपी के बागी और एनडीए सहयोगी छगन भुजबल का है। भुजबल ने एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने ज्यादातर ऐसे जवाब दिए हैं जिनसे लगता है कि उनका मानना है कि यह बरमुडी या बीजेपी का जादू काम नहीं करने वाला है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस बार 400 पार का नारा बीजेपी को नुकसान पहुंचा रहा है।
याद रहे कि छगन भुजबल नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कुछ दिन पहले उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। अब उन्होंने संदेह जताया है कि एनडीए को महाराष्ट्र में उतनी ही सीटें मिलेंगी जितनी उसे 2014 या 2019 में मिली थीं। अजित पवार की पार्टी के वरिष्ठ नेता से जब पूछा गया कि क्या एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी में बगावत से जो स्थिति बनी है, उससे लोगों का दिल उद्धव ठाकरे और शरद पवार के प्रति हो गया है? तो उन्होंने कहा, ”निश्चित तौर पर उनके प्रति सहानुभूति की लहर है।
जिस तरह से शिवसेना में फूट पड़ी है और जिस तरह से कुछ एनसीपी नेताओं ने दलबदल किया है उसका असर इन रैलियों में देखने को मिला है। इस बार एनडीए की राह उतनी आसान नहीं होगी जितनी 2014 या 2019 में थी। ध्यान रहे कि पिछला चुनाव जो बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ा था, उसमें बीजेपी को 23 सीटें और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। कुल मिलाकर एनडीए को 41 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, छगन भुजबल ने यह भी कहा, ‘लोगों को अभी भी मोदी के नेतृत्व पर भरोसा है और लोग चाहते हैं कि वह एक मजबूत सरकार बनाएं।’
बारामती में भाभी और नंद (सुप्रिया सुले और सुनीत्रा पवार) के बीच चुनावी लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर छगन भुजबल ने बेहद भावुक अंदाज में कहा, ”यह मेरे लिए भी दुख की बात है कि जो लोग इतने दिनों तक एक ही छत के नीचे रहे, आज उनके बीच कुछ ऐसा हो रहा है जो लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। गलती किसकी है यह एक अलग बहस है। लेकिन ऐसा न होता तो बेहतर होता।
उनका कहना है कि विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से प्रचारित किया है और लोगों को लगने लगा है कि यह नारा (अब की बार 4 सौ पार) संविधान को बदलने के लिए दिया गया है। यह बात कर्नाटक में बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े भी कह चुके हैं। हालांकि, भुजबल ने यह भी कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में कई बार कहा है कि अगर बाबा साहब अंबेडकर खुद आएंगे तो भी संविधान का उल्लंघन नहीं किया जा सकता, लेकिन ये संदेश लोगों तक पहुंच गया है।


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