भारत के लोक लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं: पीएम मोदी
पीएम मोदी से अमेरिका के व्हाइट हाउस में पत्रकार ने सवाल किया कि भारत हमेशा से खुद को बड़ा लोकतंत्र कहता रहा है, लेकिन मानवाधिकार संगठन कहते हें कि आपकी सरकार ने धार्मिक रुप से अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि लोग कहते नहीं बल्कि भारत लोकतांत्रिक है। भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है।
लोकतंत्र हमारी रगो में है, लोकतंत्र हम जीते हैं। हमने सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर। जब मैं डिलीवरी की बात कहता हूं तब जाति, पंथ, धर्म किसी भी तरह के भेदभाव की वहां पर जगह नहीं होती है। भारत सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास, उन मूलभूत सिद्धांतों को लेकर चलता है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था, जिसमे पत्रकार को केवल एक ही प्रश्न पूछने की इजाज़त थी लेकिन प्रश्न ऐसा था जिसके लिए शायद प्रधानमंत्री तैयार नहीं थे। पत्रकार ने प्रधानमंत्री से भारत में अल्पसंख्यकों पर होने वाले भेदभाव और उसको रोकने के प्रयास के बारे में प्रश्न किया जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के जीवित होने की बात कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगो में है, लोकतंत्र हम जीते हैं। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ साथ अमेरिका के भी लोकतंत्र की बात करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री पत्रकार द्वारा किए गए प्रश्न पर विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
विपक्ष का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब देश के प्रधानमंत्री से विदेशी धरती पर भारत के लोकतंत्र और धार्मिक भेदभाव पर किसी ने प्रश्न किया हो। दरअसल, पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को करीब दो घंटे बातचीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पीएम बनने के बाद पीएम मोदी ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। 2019 में पीएम मोदी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
वहीँ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अल्पसंख्यकों के साथ हुए तीन भेदभाव गिनाए।ओवैसी ने कहा कि मणिपुर में 300 गीरजाघरों को जला दिया गया, वह भेदभाव नहीं है? CAA का क़ानून भेदभाव के आधार पर बना। भाजपा के पास 300 मंत्री हैं, जिसमें एक भी मुस्लिम नहीं है।