उपचुनाव में मिली जीत से “इंडिया गठबंधन” आने वाले चुनाव को लेकर उत्साहित
नई दिल्ली: इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने सात राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनाव में 13 सीटों में से 10 पर जीत हासिल की। उपचुनाव में जीत के बाद विपक्षी दलों में उत्साह का माहौल है। इसके विपरीत, भाजपा ने दो सीटें जीतीं, जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई। हालांकि उपचुनावों को जनता के मूड का संकेतक नहीं माना जाता है, लेकिन इंडिया गठबंधन के पक्ष में ये नतीजे हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद आए हैं। कांग्रेस उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश में दो सीटें और भाजपा शासित उत्तराखंड में भी दो सीटें जीतने सफल रही।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने राज्य की रायगंज, राणाघाट दक्षिण, मानिकतला और बागदा की चार सीटों पर कब्जा जमाया। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में जालंधर पश्चिम सीट जीतने में कामयाब रही। तमिलनाडु में डीएमके ने विक्रवंडी सीट जीती। बिहार में रूपौली सीट पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की. कांग्रेस, टीएमसी, आप और डीएमके सभी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। इसके उलट, आक्रामक प्रचार के बावजूद भाजपा हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर सीट और मध्य प्रदेश में अमरवाड़ा सीट जीत पाई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है, ‘विधानसभा उपचुनाव के सकारात्मक परिणाम के लिए हम जनता के सामने नतमस्तक है। उन्होंने जहाँ-जहाँ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट किया, इसके लिए उनका तहेदिल से धन्यवाद व आभार। विपरीत परिस्थितियों में सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत और प्रयासों के लिए हम उनका अभिवादन करते हैं। ये जीत दर्शाती है कि जनता ने भाजपा के अहंकार, कुशासन और नकारात्मक राजनीति को अब सिरे से नकार दिया है। यह मोदी-शाह जी के गिरते राजनीतिक साख का भी प्रबल प्रमाण है।’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘मंगलौर में वोटिंग के दिन मुस्लिम मतदाताओं को वोट देने से रोका गया। आज बीजेपी के नेता, समर्थक कहते दिखे कि मंगलौर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है, वहां कांग्रेस को जीतना ही है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर ऐसा है तो कांग्रेस बद्रीनाथ और अयोध्या कैसे जीत गई। बीजेपी सिर्फ लोगों को आपस में लड़ा कर राजनीति कर रही है, इसलिए जनता उनको करारा जवाब दे रही है।’
खेड़ा ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी हम लोगों से कहते आए हैं कि अभी तो यह शुरुआत है। हम और हमारे कार्यकर्ता आगामी चुनावों के लिए पूरी मजबूती के साथ काम कर रहे हैं। हम आपको आश्वत करते हैं कि जिस विचारधारा को लेकर हमने संघर्ष किया है, उसे कभी कमजोर नहीं होने देंगे।’