अयोध्या की जनता ने भाजपा को हराकर बता दिया कि, चुनाव में मंदिर को मुद्दा बनाकर राजनीति नहीं की जा सकती
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनीडए के सरकार सत्ता में तीसरी बार काबिज हो गई है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की कई सीटों पर विपक्ष दलों से हार झेलनी पड़ी है। भाजपा के प्रदर्शन पर इंडिया गठबंधन के विपक्षी दल जमकर तंज कस रहे हैं। इस कड़ी में एनसीपी (शरद गुट) के मुखिया शरद पवार ने मंगलवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर यह साबित कर दिया कि चुनाव में मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाकर अपनी राजनीति नहीं चमका सकती है। शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या के लोगों ने हाल के लोकसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार को हराकर “मंदिर की राजनीति” को सही किया है। पवार ने बारामती में व्यापारियों की एक बैठक में यह बात कही। इस बैठक में शरद पवार ने चुनाव परिणामों पर चर्चा की।
अयोध्या के लोगों ने दिखाया कि ‘राजनीति’ को कैसे ठीक किया जाए
पवार ने कहा, “पांच साल पहले भाजपा ने 300 से अधिक सीटें हासिल की थीं, लेकिन इस बार उनकी संख्या घटकर 240 रह गई है, जो बहुमत से काफी कम है। परिणामों से पता चलता है कि उनकी 60 सीटें कम हो गईं। इस कमी में उत्तर प्रदेश एक महत्वपूर्ण राज्य है। क्योंकि यूपी के लोगों ने एक अलग तरह का फैसला दिया है। शरद पवार ने बताया कि उन्हें पहले से ही अंदाजा था कि राम मंदिर चुनाव का एजेंडा होगा और सत्तारूढ़ पार्टी को वोट मिलेंगे, लेकिन हमारे देश के लोग काफी समझदार हैं।
उन्होंने कहा, “जब उन्हें एहसास हुआ कि मंदिर के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं, तो उन्होंने अलग रुख अपनाने का फैसला किया और भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। विपक्ष इस बात से आशंकित था कि मंदिर को चुनावी एजेंडे के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन लोगों ने अलग रुख अपनाया। चूंकि हम वोट मांगने के लिए मंदिर को चुनावी एजेंडे के रूप में इस्तेमाल किए जाने से डरे हुए थे, इसलिए अयोध्या के लोगों ने दिखाया कि ‘राजनीति’ को कैसे ठीक किया जाए।”