गाज़ा पट्टी में फिलीस्तीनी शहीदों की संख्या में लगातार वृद्धि
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार दोपहर को एक बयान जारी कर जानकारी दी कि इज़रायली सेना ने कब्जे वाले फिलीस्तीन में युद्ध के 415वें दिन, पिछले 24 घंटों के भीतर गाज़ा पट्टी में चार बड़े सामूहिक हत्याकांड अंजाम दिए। इस दौरान इज़रायली हमलों में 35 फिलीस्तीनियों ने शहादत दी, जबकि 94 अन्य घायल हो गए। मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में फिलीस्तीनी नागरिक अभी भी बमबारी से ढही इमारतों के मलबे में फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों में बाधा डालने वाले हालात की वजह से मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
युद्ध से भारी तबाही और मानव संकट
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 (15 अक्तूबर 1402) को इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक 44,211 फिलीस्तीनी शहीद हो चुके हैं। वहीं, घायलों की संख्या 104,567 तक पहुंच गई है। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं, बच्चों और वृद्ध नागरिकों की है।
गाज़ा में इज़रायली सेना द्वारा लगातार बमबारी और घेराबंदी की स्थिति ने मानवीय संकट को गंभीर बना दिया है। बड़ी संख्या में अस्पताल, स्कूल, और चिकित्सा केंद्र इज़रायली हमलों का निशाना बन चुके हैं। इन हमलों के कारण चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं, और घायल नागरिकों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
मानवीय सहायता पर प्रतिबंध
गाज़ा पट्टी को इज़रायल की सेना ने घेराबंदी के तहत रखा हुआ है, जिससे इस क्षेत्र में केवल सीमित मानवीय सहायता की अनुमति दी जाती है। अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार इज़रायल से घेराबंदी समाप्त करने और गाज़ा के नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की अपील की है। इसके बावजूद, इज़रायल सरकार ने गाज़ा में आवश्यक सामानों और दवाओं की आपूर्ति में बाधा डालना जारी रखा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस संघर्ष में फिलीस्तीनी नागरिकों की बढ़ती शहादत और मानवाधिकार उल्लंघनों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता व्यक्त की है। कई देशों और संगठनों ने इज़रायल के इस कृत्य को युद्ध अपराध करार दिया है और तत्काल संघर्षविराम की मांग की है। हालांकि, अब तक इस संकट का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
गाज़ा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन खराब हो रहे हैं। इस संघर्ष के कारण न केवल इमारतें और बुनियादी ढांचे नष्ट हुए हैं, बल्कि लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। शरणार्थी शिविरों में रहने वाले फिलीस्तीनियों की हालत दयनीय है। आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होने की संभावना है, जिससे गाज़ा पट्टी में मानवीय संकट और गंभीर हो सकता है।


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