सुरंग में फंसे लोगों और उनके परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों और उनके परिवारों का इंतजार लंबा होता जा रहा है। रविवार को 2 हफ्ते से ज़्यादा का समय हो गया। इससे टनल के अंदर मजदूरों और बाहर उनके परिवारों का धैर्य खत्म होता जा रहा है। उनकी बेचैनी अब सामने आ गई है।
सुरंग के अंदर खुदाई न हो पाने और अमेरिकी मशीन के मलबे में फंसने के बाद सेना को मदद के लिए बुलाया गया है, वहीं पहाड़ की चोटी से भी खुदाई शुरू कर दी गई है। समाचार लिखे जाने तक 15 मीटर खुदाई पूरी हो चुकी है। टॉप ड्रिलिंग की स्थिति में 86 मीटर की खुदाई करनी होगी, जिसमें कम से कम 4 दिन लग सकते हैं।
अभी तक जो हिस्सा धंसा है उसमें सुरंग में घुसकर खुदाई की जा रही थी। इसके लिए 60 मीटर खुदाई की जरूरत थी, जिसमें से 47 मीटर खुदाई पूरी हो चुकी है। उपरोक्त भाग में 42 मीटर तक 80 सेमी व्यास का स्टील पाइप बिछाया गया है।
यह पहले ही कहा जा चुका था कि आगे की खुदाई के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण चरण होगा। खुदाई के दौरान शुक्रवार को 2 दिन में दूसरी बार खुदाई में मशीन फंस गई। इसे हटाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्लाज्मा कटर का ऑर्डर दिया है, जो रविवार शाम को आ गया।
उम्मीद है कि सोमवार सुबह तक अमेरिकी मशीन का फंसा हुआ ब्लेड मलबे से निकाल लिया जाएगा। उम्मीद है कि फंसी आगर मशीन को निकालने का काम सोमवार सुबह तक पूरा हो जाएगा जिसके बाद क्षैतिज खनन भी फिर से शुरू किया जा सकेगा।
सुरंग के अंदर खुदाई में सफलता मिलने पर दो दिन के भीतर मजदूरों तक पहुंचा जा सकता है, जबकि ऊर्ध्वाधर खुदाई में 6 से 7 दिन लग सकते हैं। हालांकि, बाधाओं को देखते हुए रविवार दोपहर से वर्टिकल खुदाई शुरू कर दी गई है। इसके तहत पहाड़ के ऊपर से खुदाई कर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी।