पेरिस ओलंपिक में स्वप्निल कुसाले ने भारत को तीसरा पदक दिलाया
पेरिस: पेरिस ओलंपिक 2024 में गुरुवार को भारत ने तीसरा पदक जीत लिया है। भारत के स्टार शूटर स्वप्निल कुसाले ने मेंस 50 मीटर राइफल 3P के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल पर अपना कब्जा जमाया। वह 451.4 अंकों के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। भारत को आज पेरिस ओलंपिक के छठे दिन भारत को उनसे एकमात्र उम्मीद थी और वह भारत को मेडल दिलाने में कामयाब रहे। भारत के पेरिस ओलंपिक में कुल तीन पदक हो गए हैं। तीनों पदक शूटिंग में आए हैं। स्वप्निल से पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। वहीं, मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में भी कांस्या अपने नाम किया था।
स्वप्निल की शुरुआत अच्छी नहीं रही क्योंकि उन्होंने अपने पहले शॉट में 9.6 शॉट लगाए, लेकिन फिर उन्होंने गति पकड़ी और नीलिंग पोजिशन स्टेज की पहली सीरीज के शेष प्रयासों में 10 से अधिक शॉट लगाए। उन्होंने दूसरी सीरीज की शुरुआत 10.1-पॉइंटर से की, लेकिन गति को जारी रखने में असफल रहे और एक बार फिर 9.9-पॉइंट शॉट पर विफल रहे। हालांकि, नीलिंग स्टेज की तीसरी और अंतिम सीरीज में वह अच्छे दिखे और 10 अंक से ऊपर के सभी शॉट लगाए। उन्होंने नीलिंग स्टेज को 153.3 अंकों के साथ छठे स्थान पर समाप्त किया।
जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, उनके शॉट्स की सटीकता में सुधार हुआ। कोल्हापुर के रहने वाले स्वप्निल ने अगले 15 प्रयासों में लगातार 10+ पॉइंट शॉट लगाए, जिससे वे 310.1 पॉइंट के बाद प्रोन पोजीशन के बाद चौथी पोजीशन पर पहुंच गए। उन्होंने पहली सीरीज में 52.7 पॉइंट, दूसरी में 52.2 और तीसरी सीरीज में 51.9 पॉइंट जुटाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास 10.8 रहा।
स्वप्निल से पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। वहीं, मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में भी कांस्या अपने नाम किया था। स्वप्निल, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित कंबलवाडी गांव से आते हैं और वे साल 2012 से ही अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब 12 साल के लंबे इंतज़ार के बाद उन्होंने अपना ओलंपिक डेब्यू किया। उनके पिता और भाई दोनों शिक्षक हैं और उनकी मां कंबलवाडी गांव की सरपंच हैं।