हिमाचल में मस्जिदों और वक्फ बोर्ड के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन

हिमाचल में मस्जिदों और वक्फ बोर्ड के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव को कम करने की कोशिशों को नाकाम करते हुए शनिवार को फिर से ‘देवभूमि संघर्ष समिति’ के बैनर तले मस्जिदों, दरगाहों और वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिदों और दरगाहों को अवैध बताते हुए उन पर आरोप लगाए और अन्य राज्यों से आकर हिमाचल में बसने वाले मुसलमानों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिया करार देते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही लोअर बाजार से होते हुए सीटीओ चौक से महात्मा गांधी की प्रतिमा तक एक शांति मार्च निकाला गया था, जिसमें सभी धर्मों के न्याय और शांति पसंद लोगों ने हिस्सा लिया। मार्च का उद्देश्य शिमला और आसपास के क्षेत्रों में साम्प्रदायिक हालात बिगाड़ने वालों को एकजुटता और भाईचारे का संदेश देना था। इस मार्च के बाद कट्टरपंथी संगठनों ने फिर से सक्रिय होकर 12 जिलों के मुख्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के लिए ज्ञापन सौंपा।

‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, शिमला में ‘देवभूमि संघर्ष समिति’ और अन्य हिंदुत्व संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिला कलेक्टर के कार्यालय से मॉल में स्थित ‘शेयर पंजाब रेस्टोरेंट’ तक रैली भी निकाली, जिसमें उत्तेजक नारे लगाए गए। ‘देवभूमि संघर्ष समिति’ के संयोजक भारत भूषण के अनुसार, “ये प्रदर्शन सरकार को आगाह करने के लिए किए जा रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि कई मस्जिदें और दरगाहें सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई जा रही हैं। भूषण ने आरोप लगाया कि सरकार अवैध मस्जिदों और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। वक्फ बोर्ड को निशाना बनाते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने कहा, “वक्फ बोर्ड सरकारी जमीनों पर लगातार दावा कर रहा है, जिससे हिमाचल के गरीब निवासियों को जमीन खरीदने और बेचने में मुश्किल हो रही है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या समेत अवैध घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।”

इसके साथ ही संघर्ष समिति ने संजौली मस्जिद के खिलाफ आंदोलन को तेज करने की घोषणा करते हुए कहा है कि 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत में मामले की सुनवाई के समय समिति के सदस्य और स्थानीय लोग अपने घरों पर और संकट मोचन मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। भूषण ने धमकी दी कि “अगर फैसला हिमाचल के लोगों के पक्ष में आया तो स्वागत करेंगे, और अगर नहीं आया तो (मस्जिद के खिलाफ) आंदोलन को तेज किया जाएगा और जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।”

भारत भूषण की यह धमकी निश्चित रूप से भड़काने वाली और सांप्रदायिकता पैदा करने वाली है। वह खुल्लम खुल्ला धमकी देते हुए नज़र आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। अब देखना है कि, भारत भूषण के इस भड़काऊ बयान के बाद सरकार उनके खिलाफ क्या करवाई करती है।

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