इटावा में SP को मारा गया थप्पड़, भाजपा विधायक और ज़िला अध्यक्ष पर लगाया आरोप
जब से उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव शुरू हुए हैं तब से हिंसा और अराजकता का माहौल बन गया, कई शहरों और ज़िलों में पथराव, मारपीट, पत्थर बाज़ी से लेकर फ़ायरिंग तक की घटनाएं सामने आई हैं।
इस दौरान कई जगह हिंसा और गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, उन्नाव, गोरखपुर, बहराइच से हिंसा की ख़बरें मिली हैं।
कल ब्लाक प्रमुख के होने वाले चुनाव में भी हालात काफ़ी हिंसक दिखाई दिए जिसमें इटावा ज़िले के SP की एक वीडियो वायरल हुई जिसमें SP साफ़ साफ़ फ़ोन पर अपने बड़े अधिकारियों से बात करते दिखाई पड़े, जिसमें वह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि यहां यह सब ईंटा पत्थर ले कर आए थे, मुझे भी थप्पड़ मारा, यह लोग बम वम भी लेकर आए थे, BJP वाले विधायक और ज़िला अध्यक्ष।
हिंसा का समर्थन कोई भी नहीं करता और न ही हिंसा किसी भी वजह से सही हो सकती है लेकिन हालात को देख कर हर किसी के मन में सवाल यह उठता है कि जब अभी बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हिंसक घटनाएं हो रही थीं तब सारे BJP के नेता ममता बनर्जी को हिंसा और दंगे का दोषी बताते हुए इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे लेकिन उत्तर प्रदेश में लगातर होने वाली हिंसक घटनाओं पर किसी एक भी नेता ने कोई सवाल तक नहीं किया इस्तीफ़े की मांग तो बहुत दूर है और इटावा की घटना से एक बात और सामने आई कि जिस पुलिस प्रशासन ने BJP नेताओं के इशारों पर पंचायत चुनाव में दूसरी पार्टियों के कैंडीडेट और नेताओं के साथ मारपीट की उसी पुलिस के अधिकारी भाजपा नेताओं के हाथों अपमानित हुए उनके साथ बुरा सुलूक किया गया।
मीडिया पूरी तरह से उत्तर प्रदेश के हालात को भले ही सामान्य दिखाने की कोशिश करे लेकिन लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ खुद BJP के नेता करते हुए दिख जाते हैं।