फडणवीस-शिंदे को फंसाने की कथित साजिश की जांच के लिए एसआईटी गठन
महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में उस समय के विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (वर्तमान मुख्यमंत्री) और नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (वर्तमान उपमुख्यमंत्री) को झूठे मामले में फंसाने की कथित साजिश की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की है। गौरतलब है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे कई बार यह कह चुके हैं कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इन दोनों को जेल में डालने की योजना बनाई थी। कहा जाता है कि इसी कारण शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी और बीजेपी से हाथ मिला लिया था। अब इसी आरोप की जांच के लिए खुद फडणवीस ने एसआईटी गठित की है।
सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसकी अध्यक्षता मुंबई के संयुक्त आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी करेंगे। इस टीम में स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स के डीआईजी राजीव जैन, डीसीपी नवनाथ धवले और एसीपी आदक राव पाटिल अन्य सदस्य होंगे। एसआईटी को मामले की जांच कर एक महीने के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, मुंबई पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह एसआईटी को आवश्यकतानुसार संसाधन और जनशक्ति प्रदान करे।
गौरतलब है कि, इस मामले को देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले विधायक प्रवीन दरेकर ने नवंबर 2024 में नागपुर के शीतकालीन सत्र में उठाया था और इसकी जांच की मांग की थी। उन्होंने सदन में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के उस आरोप को दोहराया था कि उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में इन दोनों नेताओं को झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची गई थी। उस समय सरकार की ओर से मंत्री शंभूराज देसाई ने प्रवीन दरेकर को आश्वासन दिया था कि जल्द ही इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा।
प्रवीन दरेकर ने सदन में दावा किया था कि उनके पास उद्धव ठाकरे के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र पुलिस के तत्कालीन महानिदेशक संजय पांडे की एक टेलीफोन रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह ठाणे के डीसीपी लक्ष्मीकांत पाटिल को आदेश दे रहे हैं कि वे एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मामला दर्ज करें और दोनों को गिरफ्तार करें। गृह विभाग के संयुक्त सचिव वेंकटेश भट द्वारा जारी आदेश में प्रवीन दरेकर द्वारा सदन में दी गई जानकारी के आधार पर तत्कालीन ठाणे डीसीपी लक्ष्मीकांत पाटिल के खिलाफ जांच का निर्देश दिया गया है।
गौरतलब है कि यह आरोप सबसे पहले एकनाथ शिंदे ने एक साक्षात्कार के दौरान लगाया था कि उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फडणवीस को जेल में डालने की साजिश रच रहे थे। इसके बाद, देवेंद्र फडणवीस ने भी इस बात को दोहराया था कि उद्धव ठाकरे उन्हें गिरफ्तार करवाना चाहते थे। जब एकनाथ शिंदे ने इसका विरोध किया, तो उद्धव ठाकरे ने उन्हें भी निशाने पर ले लिया। अब इस पूरे मामले की जांच का आदेश खुद फडणवीस ने दिया है।