हिजाब और पगड़ी की तुलना पर बोले सिरसा, संवेदनशील मुद्दों पर बयान ना दें बॉलीवुड अदाकार

हिजाब और पगड़ी की तुलना पर बोले सिरसा, संवेदनशील मुद्दों पर बयान ना दें बॉलीवुड अदाकार

बॉलीवुड की लोकप्रिय अदाकारा सोनम कपूर द्वारा हिजाब पहनने के समर्थन एवं हिजाब और पगड़ी की तुलना करने पर भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा बिगड़ गए हैं।

हिजाब से पगड़ी से तुलना करते हुए सोनम कपूर ने कहा था कि सिख युवक पगड़ी पहन सकते हैं तो मुस्लिम महिला हिजाब क्यों नहीं ? सोनम कपूर ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक स्टोरी लगाई थी जिसमें एक तरफ सिख युवक पगड़ी के साथ नजर आ रहा है और दूसरी तरफ एक महिला हिजाब पहने दिख रही है।

सोनम कपूर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पूरी तरह से बेतुकी तुलना है।

सिरसा ने दावा करते हुए कहा कि मुस्लिम धर्म के अंदर हिजाब को अनिवार्य नहीं बताया गया है और ना ही उनका कोई धर्म ग्रंथ कहता है। लेकिन यह सब की अपनी श्रद्धा है, सबका धर्म है। वह किस तरीके से मनाना चाहते हैं यही सब का अधिकार हैं। दूसरी तरफ जो दस्तार है वह सिखों के शरीर का एक अंग है। यह कोई सहायक नहीं है। बहुत बड़ी-बड़ी शहादतों के बाद हमें यह सब मिला है।

सिरसा ने कहा कि हम सभी लोगों के धर्मों का सम्मान करते हैं और उनकी कदर करते हैं,लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि किसी को भी ऐसी तुलना नहीं करना चाहिए। मुंबई में जो कलाकार बैठे हैं उनका काम नाचने गाने का है और उनको एंटरटेनमेंट कराने के लिए पैसा मिलता है। वह देश के ऊपर कोई उपकार नहीं करते। वह पैसे के लिए नाचते और गाते हैं ।

सिरसा ने कहा मैं सम्मान के साथ कहता हूं उनका काम नाचना गाना है और उनको वही करना चाहिए। संवेदनशील मुद्दों पर बॉलीवुड अदाकारों को बहुत संवेदनशीलता के साथ अपनी बात कहनी चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि हिजाब और दस्तार की तुलना किसी भी तरह से सही नहीं हो सकती।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ पर भी जमकर पलटवार करते हुए कहा कि उनका काम आग लगाने का है। मुद्दा किसी और का, पूँछ किसी और की, और आग कोई और लगा रहा है। सिरसा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सिखों का इस्तेमाल करती आई है।

उस वक्त सुनील जाखड़, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कहां थे जब अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को सूटकेस में छुपा कर लाना पड़ा था। जाखड़ परिवार उस समय कहां था जब दिल्ली में ही गुरु ग्रंथ साहिब को आग लगा दी गई थी ? यह लोग तब कहां थे जब 8000 सिखों के गले में टायर डालकर जला दिया गया था ?

याद रहे कि सुनील जाखड़ ने हिजाब मामले पर गुरुद्वारा कमेटी और अकाल तख्त की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस मामले पर अकाल तख्त और गुरुद्वारा कमेटी की चुप्पी सवाल खड़े करती है।

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