शिया वक्फ बोर्ड ने आजम खान के कब्जे से वक्फ संपत्ति आजाद कराई
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड ने भ्रष्टाचार के कई आरोपों में जेल की सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खान के चंगुल से कई वक़्फ संपत्तियों को आजाद कराते हुए जोर का झटका दिया है।
समाजवादी सरकार के दौर में रामपुर के नवाब परिवार की कई वक्फ संपत्तियों को आजम खान ने सत्ता के जोर पर छीनते हुए किसी और को मुतवल्ली बना दिया था। अब जबकि भ्रष्टाचार के आरोप में आजम खान जेल में बंद है तब उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने आजम खान को झटका देते हुए रामपुर की वक्फ संपत्तियों को उनके कब्जे से लेकर उनके असली मालिकों तक पहुंचा दिया है।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर तत्कालीन वक़्फ़ मंत्री आजम खान ने रामपुर के शाही परिवार से इन वक्फ संपत्तियों को कब्जा लिया था। इस सिलसिले में हुई जांच के बाद संपत्ति उनके मालिकों को लौटा दी गई है।
अली जैदी ने बताया कि 31 मार्च को बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। आजम खान ने सपा सरकार के दौरान शिया वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिज़वी को आदेश देते हुए रामपुर के क़िले वाली मस्जिद और एक इमामबाड़े समेत शाही परिवार की सात वक्फ संपत्तियों को गैरकानूनी तरीके से छीन कर एक बाहरी व्यक्ति वसीम खान को इन संपत्तियों का मुतवल्ली बना दिया था। बता दें कि यह सातों संपत्तियां शाही परिवार ने वक़्फ़ अलल औलाद की थी।
बताते चलें कि आजम खान ने अदालत के स्थगन आदेश के बावजूद भी मई 2013 में वक्फ संपत्ति पर बने शौकत अली बाजार को गिरवा दिया था। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन के बाद शाही परिवार की वक्फ संपत्तियों पर किए गए अवैध क़ब्ज़े की शिकायतों की जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट के बाद वसीम खान को हटाकर शाही परिवार की बेगम नूर बानो के पुत्र हैदर अली खान उर्फ हम्ज़ा मियां को मुतवल्ली बनाया गया है।