गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिदों में जाकर लोगों से संपर्क करेंगे संघ कार्यकर्ता
शनिवार 23 सितंबर को मोहन भागवत ने अवध प्रांत के पदाधिकारियों और प्रचारकों के साथ बैठक की। साल 2025 संघ का शताब्दी वर्ष है। तब तक भारत के हर गांव में संघ की शाखा खड़ी करने का लक्ष्य रखा गया।मोहन भागवत के इस दौरे को दलितों तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
दलित बस्तियों में शाखाएं लगाने जैसे काम‚ उनकी समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए कैंप लगाने की भी योजना तैयार की जा रही है, ताकि दलित और आदिवासी बस्तियों में RSS का प्रचार-प्रसार किया जा सके। यह योजना भी बनाई जा रही है कि जो अब तक अछूते हैं और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलीं‚ उन तक ये सब पहुंचाया जाए।
लखनऊ में संघ प्रमुख और भाजपा के बीच शुक्रवार को बैठक हुई। लोकसभा चुनाव को देखते हुए RSS के साथ मिलकर काम करने की चर्चा हुई। परिवेश बढ़ाने और नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। संघ प्रमुख ने भी समझा कि अवध प्रांत में महिलाओं की सहभागिता को कैसे बढ़ावा दिया जाए।
इस बैठक में सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव बढ़ने पर जोर दिया गया है। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि संघ कार्यकर्ता गुरुद्वारा, चर्च और मस्जिदों में भी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ संपर्क करेंगे। साथ ही मस्जिदों के मौलवियों और चर्च के पादरियों से भी मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक ओर सामाजिक समरसता के कार्यक्रमों के जरिये दलित और मलिन बस्तियों के बीच जगह बनाने की तैयारी में लगा हुआ है। दूसरी ओर सिख, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और पारसी समेत अन्य धर्मों के लोगों के साथ संपर्क अभियान चलाया है। संघ प्रमुख मोहनराव भागवत द्वारा अवध प्रांत और इसके 7 अन्य विभागों की टोलियों के साथ बैठक में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर गहन चर्चा की है।