हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में हंगामा ,लेकिन पीएम मोदी खामोश
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बवंडर में फंसे उद्योगपति गौतम अडानी और उनके समूह ने चंद दिनों में अर्श से फ़र्श तक का सफर तय कर लिया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अडानी जहां दुनिया के 20 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों में प्रतिदिन दिन गिरावट आ रही है। अडानी चारों तरफ से घिरे हुए हैं।
वहीं, विपक्ष अडानी और पीएम मोदी पर सवाल उठा रहा है.सभी विपक्षी नेता पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी दोस्त अडानी की बर्बादी पर चुप क्यों हैं. साथ ही मोदी सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा से क्यों भाग रही है। इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है। कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘पीएम मोदी के ‘बेस्ट फ्रेंड’ के साथ अब तक क्या हुआ? इस रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है। ‘एलआईसी और निवेशकों का पैसा डूबने के कगार पर है ।
शेयर बाजार में अडानी ग्रुप का प्रदर्शन खराब है। अडानी के शेयरों में गिरावट आई है। इस पर कांग्रेस ने अडानी ग्रुप के गिरते स्टॉक का ग्राफिक शेयर करते हुए लिखा, “नुकसान जनता का हुआ है, अडानी का कोई नुक़सान नहीं हुआ। अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर शुक्रवार को इंट्राडे ट्रेड में लगभग 35 प्रतिशत गिर गए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद सप्ताह में अडानी समूह के शेयरों का मार्केट कैप 108 बिलियन डॉलर से ज़्यादा कम हो गया।
यूएस फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप की 7 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियों की वैल्यू 85% से ज्यादा है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे गए हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। शेयर बाजार में उथल-पुथल मची हुई है।