मिर्जापुर लोकसभा सीट पर राजा भैया ने समाजवादी पार्टी को दिया समर्थन

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर राजा भैया ने समाजवादी पार्टी को दिया समर्थन

उत्तर प्रदेश: मिर्जापुर जिले में राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने सपा को समर्थन दे दिया है। कौशाम्बी में अनुप्रिया पटेल की ओर से राजा भैया को लेकर बयान देने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। राजा भैया ने अनुप्रिया पटेल को जवाब दिया था। राजा भैया के निर्देश के बाद उनकी पार्टी ने मिर्जापुर में खुलकर सपा का समर्थन दिया है। अन्य जगहों पर मामला भले ही अंदरखाने तक सीमित रहा, लेकिन अनुप्रिया के बयान के बाद अदावत इतनी बढ़ गई कि उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने खुलकर सपा के प्रत्याशी रमेश चंद बिन्द को समर्थन दिया है।

दरअसल, बीते कुछ दिनों से एनडीए के नेता राजा भैया पर हमलावर नजर आ रहे थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और रामदास अठावले शामिल हैं। अनुप्रिया पटेल ने कौशांबी और प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए राजा भैया पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग कुंडा को अपनी जागीर समझते हैं और यह सुनहरा मौका है उन्हें सबक सिखाने का। वहीं बीते बुधवार को रामदास अठावले ने अनुप्रिया पटेल के बयान को सही ठहराते हुए राजा भैया पर निशाना साधा था। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि राजा भैया के खिलाफ बयानबाजी बीजेपी को भारी पड़ सकती है और अब वही हुआ है।

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के जिलाध्यक्ष संजू मिश्रा बुधवार को समाजवादी पार्टी के कार्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपना समर्थन पत्र सपा के जिलाध्यक्ष को सौंपा। समर्थन पत्र सौंपने के बाद जिलाध्यक्ष संजू मिश्रा ने कहा कि प्रतापगढ़ में बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर हम लोगों ने सपा को समर्थन दिया है। आगे हम सपा का प्रचार-प्रसार करेंगे। राजा भैया को लेकर बयान के खिलाफ हम लोगों ने समर्थन दिया है। समर्थन से परिणाम पर प्रभाव के सवाल पर कहा कि यह 4 जून को परिणाम आने के बाद पता चलेगा। इतना तय है कि परिणाम हम लोगों के पक्ष में होगा।

बता दें कि कुछ हफ्ते पहले राजा भैया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात हुई थी। तब अटकलें लगाई जा रही थीं की बीजेपी को राजा भैया का साथ मिल सकता है। लेकिन मुलाकात के कुछ दिन बाद ही राजा भैया ने अपने समर्थकों के बीच ऐलान कर दिया कि वो अपने स्वविवेक से उम्मीदवार को वोट दें। समाजवादी पार्टी को राजा भैया का साथ मिलना किसी बड़े फायदे से कम नहीं है। क्योंकि अब यूपी के जिन 27 सीटों पर मतदान बाकी है, वहां क्षत्रिय मतदाता प्रभावी हैं और राजा भैया ठाकुरों के बड़े नेताओं में से एक हैं। राजा भैया की पार्टी भले ही एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही हो। लेकिन चुनावी चर्चा में लगातार बने हुए हैं और यही उनकी ताकत का एहसास कराता है।

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