अग्निपथ योजना के विरोध में फूंक गई रेलवे की हज़ारों करोड़ की संपत्ति

अग्निपथ योजना के विरोध में फूंक गई रेलवे की हज़ारों करोड़ की संपत्ति

केंद्र सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ योजना‘ का पूरे भारत में भारत में जमकर विरोध हुआ साथ ही इस विरोध में जगह-जगह आगजनी की घटनाएं भी देखने को मिलीं.

बता दें कि इस विरोध प्रदर्शन में सबसे ज़्यादा नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दर्जनों ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. दर्जनों ट्रेन को रद्द होना पड़ा और जो ट्रेन चल रही थी वो अपने स्थान पर देर में पहुंची जिससे यात्रियों बहुत परेशान हुए

ग़ौर तलब है कि रेलवे ने 18 जून को ये कहा था कि उसे चार दिन के प्रदर्शन में ही 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने अब तक रेलवे की जितनी संपत्ति फूंक दी है, उतनी संपत्ति का नुकसान तो रेलवे को पिछले एक दशक में भी नहीं हुआ था.

बताते चले कि अग्निपथ के विरोध प्रदर्शन में अब तक रेलवे को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

ज़्यादातर देखने में आता है कि जब भी देश में प्रदर्शन होता है तो उसमे प्रदर्शनकारी रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पहले इसी साल जनवरी में RRB-NTPC एग्जाम के रिजल्ट को लेकर भी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. उस समय भी रेलवे की करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था.

बता दें कि इस साल रेलवे की संपत्ति का नुकसान हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है. प्रदर्शनकारियों के ट्रेनों को जलाने और पटरियों को नुकसान पहुंचाने से रेलवे को नुकसान तो हो ही रहा है, टिकट कैंसिल करवाने और रिफंड करने से भी उसे नुकसान उठाना पड़ रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, 60 करोड़ से ज्यादा यात्री टिकट कैंसिल करवा चुके हैं.

रेलवे का कहाँ है कि एक जनरल कोच बनाने में 80 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि स्लीपर कोच में 1.25 करोड़ और एसी कोच में 3.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. वहीं, एक रेल इंजन बनाने में 20 करोड़ रुपये की लागत आती है. इस हिसाब से 12 बोगियों वाली एक ट्रेन की कीमत 40 करोड़ रुपये और 24 बोगियों वाली ट्रेन की कीमत 70 करोड़ रुपये के आसपास होती है.

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