मानहानि मामले में दो साल की सज़ा के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल
गुजरात हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। मोदी सरनेम केस में उन्होंने सजा पर रोक लगाने के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आपराधिक मानहानि का मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके द्वारा की गई एक टिप्पणी पर दायर किया गया था।
राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी पर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 23 मार्च, 2023 को सूरत के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने राहुल गांधी को इस मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें 2 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। हालांकि अदालत ने उन्हें उसी दिन जमानत भी दे दी थी। इस सजा के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में राहुल की याचिका पर कब सुनवाई होती है। अगर सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिल जाती है तो उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी और वह 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट भी उनकी याचिका को खारिज कर देता है तो वे अगले 6 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। दूसरी तरफ पूर्णेश मोदी ने 12 जुलाई को ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरनेम मामले में राहुल के पक्ष के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनने की अपील की थी।
मालूम हो कि इससे पहले राहुल गाँधी ने दो साल की सज़ा पर रोक लगाने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी लेकिन गुजरात हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका ख़ारिज कर दी थी कि उनके ऊपर और भी कई आपराधिक मुक़दमें दर्ज हैं। इस लिए राहत नहीं दी जा सकती। उन पर सावरकर के पोते ने भी केस दर्ज करवाए हैं।
हाई कोर्ट के इस बयान पर लोगों ने अलग अलग प्रकार की प्रतिक्रियाएं दी थीं। कुछ ने समर्थन किया था तो कुछ लोगों ने इस फैसले की आलोचना की थी। आलोचना करने वालों का तर्क यह था कि अगर किसी के ऊपर किसी मामले में केस दर्ज है तो क्या दूसरे मामले में उसे राहत नहीं दी जा सकती, अगर ऐसा है तो फिर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट तक जाने की आवश्यकता ही नहीं है। निचली अदालत के फैसले को ही सर्वमान्य कर देना चाहिए।
राहुल गांधी के हाई कोर्ट जाने से तीन दिन पहले ही पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल कर दी थी, हालाँकि राहुल गाँधी को सूरत अदालत और गुजरात हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उनकी सजा बरक़रार है ऐसी सूरत में पूर्णेश मोदी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाख़िल करने से पता चलता है कि राहुल गाँधी को सज़ा मिलने के बाद उन्हें इस बात का डर है कि सुप्रीम कोर्ट से राहुल गाँधी को राहत मिल सकती है।


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