पीएम मोदी संविधान की रक्षा करें, हमें प्रदर्शन के लिए जाने दिया जाए: पंढेर
किसान नेता जगजीत सिंह डड्डेवाल ने कहा है किएनडीए सरकार जिद पर अड़ी है। ऐसे में वे सरकार को 2 विकल्प देते हैं। पहला यह कि दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जाने दिया जाए और दूसरा यह कि अगर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी जाती है तब केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी बाकी मांगों को मान ले।
एबीपी न्यूज़ पोर्टल पर छपी ख़बर के अनुसार, जगजीत सिंह डड्डेवाल ने आगे आगाह करते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो कि वे लोग (किसान) आपा खो बैठें। पंजाब-हरियाणा से सटे शंभू बॉर्डर पर बुधवार (21 फरवरी, 2024) सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसान नेताओं ने यह भी बताया गया कि वे नहीं चाहते कि देश कोई दुखद तस्वीर देखे। वे लोग देश के हित में ही मरेंगे। किसान नेताओं की तरफ से लगातार एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग की जा रही है।
किसान नेता पंढेर ने कहा कि जब-जब हमें वार्ता का आमंत्रम मिला, हमने उसमें हिस्सा लिया। हमने हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से ये निवेदन किया कि आप हमारे साथ बैठकर हमारे मसलों का हल कीजिए। हर एक मांग पर चर्चा हो चुकी है और अब निर्णय लेने का समय है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के मुखिया आगे आएं और कहें कि हम एमएसपी कानून बनाने के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में हालात को शांत किया जा सकता है।
पंढेर ने आगे कहा कि यहां पर एक-एक मां का एक-एक बेटा है। हम अपनी तरफ से बिल्कुल शांतिपूर्ण रहने वाले हैं। लेकिन हमने देखा है कि पैरामिलिट्री फोर्स किसान-मजदूर की खून की होली खेलना चाहते हैं। ये देश सभी का है और पीएम मोदी को आगे आकर हमारी मांगों को मान लेना चाहिए। सरकार के लिए 1.5 या 2.5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा नहीं है। इस पैसे पर देश की 80 फीसदी आबादी निर्भर है।
किसान नेता पंढेर ने कहा कि अगर केंद्र को लगता है कि उसे हमारी मांगों को मानने में कोई परेशानी आ रही है तो वह सिर्फ संविधान की रक्षा करे। पीएम मोदी संविधान की रक्षा करें और बैरिकेड्स को हटाकर हमें प्रदर्शन के लिए जाने दिया जाए। हमें शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की इजाजत दे दीजिए। इससे गतिरोध खत्म हो जाएगा। जवान से लेकर किसान तक हम सब एक हैं. हम नहीं चाहते हैं कि ऐसा कुछ हो, जिसकी वजह से दुखद तस्वीरें देखने को मिले। हमारी तरफ से कोई प्रहार नहीं होगा। अब गेंद केंद्र के पाले में है कि वह कोई फैसला करे।