हिमाचल प्रदेश आपदा पर पीएम मोदी ने की हाईलेवल मीटिंग
हिमाचल प्रदेश में बारिश से हो रही तबाही का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश भर के कई इलाकों में अब भी बारिश हो रही है। यह बारिश अपने साथ तबाही लेकर आ रही है. प्रदेश भर से बारिश के ‘तांडव’ की भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। बीते कुछ सालों के रिकॉर्ड पर नजर डाली जाए, तो प्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा नुकसान इसी साल हुआ है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीते 28 दिन में ही हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश की वजह से 4985.68 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। यह रिकॉर्ड 24 जून से 21 जुलाई तक का है।
हिमाचल सरकार राज्य में हुई भीषण बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही को राज्य आपदा घोषित करेगी। शुक्रवार शाम को इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी देते हुए राज्य में प्रदेश के चारों लोकसभा सांसदों पर जमकर बरसते हुए कहा कि उन्होंने न तो संसद में राज्य की आपदा को लेकर कोई सवाल पूछा और न ही केंद्र सरकार पर राज्य को अंतरिम राहत जारी करने के लिए दबाव बना पाए। वे केवल सत्ता सुख भोग रहे हैं।
वहीं पीएम मोदी ने भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण हिमाचल में आई आपदा पर शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक कर हालात और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। पीएम मोदी के आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
उधर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण हुए भारी नुकसान का जायजा लेने कल अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश जा रहे हैं। नड्डा इस यात्रा के दौरान प्राकृतिक त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात भी करेंगे। वे समरहिल, शिमला में भारी बारिश के कारण हुए ध्वस्त प्राचीन शिव मंदिर स्थल का मुयायना करेंगे। शिमला एवं बिलासपुर में स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक कर राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों पर चर्चा भी करेंगे।