पीएम मोदी के पास सिर्फ उद्योगपति मित्रों के नंबर हैं: राहुल गाँधी

पीएम मोदी के पास सिर्फ उद्योगपति मित्रों के नंबर हैं: राहुल गाँधी

पिछले दिनों मोदी सरकार ने पिछले साल लाए गए नए कृषि क़ानूनों की वापसी का फैसला लिया लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक केंद्र ने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवज़ा देने के बारे में कोई बात नहीं की है।

इस मुद्दे पर आज कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मोदी सरकार से ये सवाल किया गया था कि क्या किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा? जिस पर सरकार ने जवाब दिया है कि हमारे पास किसानों की मौत से जुड़े कोई आंकड़े नहीं है। इसलिए मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बताया कि पंजाब सरकार के पास 403 किसानों के नाम हैं जिनकी आंदोलन के दौरान मौत हुई। जिन्हें 5-5 लाख का मुआवजा दिया गया है। साथ ही हमारे पास जो नाम थे उसकी लिस्ट भी हमने सरकार को सौप दी है।

मुद्दा ये है कि कोरोना में कितने लोग मरे। सरकार के पास इसके कोई आंकड़े नहीं हैं। किसान आंदोलन में कितने लोग मरे। सरकार के पास उसका भी कोई आंकड़ा नहीं है।

मुद्दा यह है कि सरकार इन लोगों को मुआवजा ही नहीं देना चाहती। जब किसान आंदोलन में लोग शहीद हुए। तो उन्हें संसद में 2 मिनट का मौन रख रख कर भी सम्मान नहीं दिया गया।

राहुल गाँधी ने कहा कि पीएम मोदी ने ये स्वीकार किया है कि उनकी एक गलती की वजह से यह सब हुआ है। उन्होंने देश से माफ़ी भी मांगी है। लेकिन सरकार किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं है।

राहुल गाँधी ने पीएम मोदी पर करारी हमला बोलते हुए कहा कि देश के पीएम अपने करीबी उद्योगपतियों के लिए कुछ भी कर देते हैं। लेकिन जब किसानों या मजदूरों की बात होती है। तब ये कहा जाता है कि ये लोग मौजूद ही नहीं है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी के पास सिर्फ उद्योगपति मित्रों के नंबर हैं। हमारे पास शहीद किसानों के नाम और नंबर हैं। अगर उन्हें सच में माफी मांगनी है तो इन परिवारों को फोन करके उनका दुख सुने और उन्हें मुआवजा दे।

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