पीएम मोदी ने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और ज़मीनी सर्वेक्षण किया
वायनाड: प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वायनाड के भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया, अस्पताल जाकर पीड़ितों से मुलाकात की, संबंधित अधिकारियों से वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट मांगी और पूरे क्षेत्र का जमीनी दौरा भी किया। हालांकि उन्होंने वायनाड पर आई इस प्राकृतिक आपदा को तीव्र मांगों और लगातार अपीलों के बावजूद राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से परहेज किया।
30 जुलाई की मध्यरात्रि को हुए खतरनाक भूस्खलन से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री ने पहले हवाई सर्वेक्षण किया, जिसमें उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद थे। इसके बाद प्रधानमंत्री ने स्वयं कई क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी भी मोदी के साथ थे।
प्रधानमंत्री का हवाई और जमीनी दौरा
कलपेट्टा में एसकेजेएम स्कूल ग्राउंड हेलीपैड पर उतरने से पहले पीएम मोदी ने नुकसान का आकलन करने के लिए चोरमाला, मंडकाई और आसपास के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद पीएम मोदी कलपेट्टा से चोरमाला के लिए रवाना हुए, जो वहां से सड़क मार्ग द्वारा 18 किलोमीटर दूर है। उन्होंने लगभग 50 मिनट चोरमाला में बिताए। प्रधानमंत्री ने स्कूल की क्षतिग्रस्त स्थिति का निरीक्षण करने के लिए स्कूल परिसर का भी दौरा किया और स्कूल के छात्रों से उनकी पढ़ाई और उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी ली।
इस घटना में इस स्कूल के लगभग 32 छात्रों की मौत हो गई थी। बाद में पीएम मोदी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी के साथ बचाव कार्यों के लिए चोरमाला और मंडकाई को जोड़ने के लिए सेना के जवानों द्वारा बनाए गए बैली ब्रिज पर चहलकदमी की।
पीड़ितों से बातचीत, अस्पताल का दौरा
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सेंट जोसेफ स्कूल में चल रहे राहत शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ सहित 12 पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने मोहम्मद हानी (16) और लावण्या (14) से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया है। इसके बाद वे स्थानीय अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने और अधिक पीड़ितों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री विजयन के साथ बातचीत के बाद घोषणा की कि केंद्र सरकार पीड़ितों की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
राज्य सरकार की मांगें
इससे पहले मुख्यमंत्री विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने 3 महत्वपूर्ण मांगें रखीं। पहली यह कि वायनाड भूस्खलन की एल3 श्रेणी के तहत वर्गीकरण किया जाए। दूसरी यह कि इस आपदा को “राष्ट्रीय आपदा” घोषित किया जाए। तीसरी यह कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करे।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के दौरे की घोषणा पर ट्विटर पोस्ट के जरिए उनका धन्यवाद किया था और कहा था, “मोदी जी, भयानक आपदा का जायजा लेने के लिए वायनाड जाने के लिए आपका धन्यवाद। यह एक अच्छा फैसला है। मुझे विश्वास है कि जब आप इस तबाही को स्वयं देखेंगे, तो इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे।” राहुल गांधी, जो वायनाड के पूर्व सांसद भी हैं, इससे पहले दो दिनों तक यहां मौजूद थे और उन्होंने यहां की तबाही को अपनी आंखों से देखने के बाद कई बार मांग की कि वायनाड आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
उन्होंने संसद में भी इस मामले को उठाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने वायनाड का दौरा करने और यहां हुई तबाही को अपनी आंखों से देखने के बावजूद इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की। ध्यान देने योग्य है कि इस दुखद घटना में 300 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।