किसान संगठन आंदोलन को और तेज करने की कर रहे प्लानिंग

किसान आंदोलन 15वें दिन में प्रवेश कर चुका है. सरकार से बातचीत का अभी तक कोई नतीजा भी नहीं निकला है किसान तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं
खबर मिल रही है कि बातचीत का कोई नतीजा न निकलते देख किसान संगठन अपने आंदोलन को और तेज करने की प्लानिंग कर रहे हैं,वही सरकार नए क़ानूनों को वापस न लेने पर अडी हुई है और सरकार की तरफ से ये भी ख़बर आई है कि वो नए कानूनों को रिप्लेस करने के बजाय उसमें संशोधन करेगी और सरकार यह भी बताएगी कि वह विवादास्पद कानूनों में संशोधन क्यों ला रही है, जिसे किसान निरस्त करना चाहते हैं.

आपको बता दें कि किसान संगठनों ने बुधवार को कृषि कानूनों में संशोधन के केंद्र सरकार के लिखित प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और अपने आंदोलन व विरोध-प्रदर्शन को और बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी.

आंदोलनरत 13 किसान संगठनों को भेजे गए प्रस्ताव में, केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए लिखित आश्वासन देने का वादा किया था. इसके अलावा किसानों को उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के बजाय विवादों के हल के लिए कोर्ट जाने और बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की अनुमति देने का भी प्रस्ताव दिया था, जिसका किसान विरोध कर रहे थे.

सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए कानूनों में संशोधन करने की पेशकश भी की थी. बड़े कॉरपोरेट खेत पर कब्जा कर लेंगे, इन आशंकाओं के खिलाफ सरकार ने स्पष्ट किया था कि कि कोई भी खरीदार खेत के खिलाफ ऋण नहीं ले सकता है और न ही किसानों को ऐसी कोई शर्त दी जाएगी.

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