टैरिफ़ विवाद के बीच 22 सितंबर को अमेरिका दौरे पर जाएंगे पीयूष गोयल

टैरिफ़ विवाद के बीच 22 सितंबर को अमेरिका दौरे पर जाएंगे पीयूष गोयल

भारत और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को आगे बढ़ाना है। मंत्री गोयल के साथ मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क में होने वाली व्यापार वार्ता में भाग लेगा।

कई दौर की वार्ता के बाद भी समाधान नहीं
टैरिफ़ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच पहले भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका। अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाया है। इसके अलावा, रूसी कच्चे तेल से जुड़े भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ और अतिरिक्त 25 प्रतिशत का जुर्माना भी जोड़ा गया है। इन फैसलों से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव गहराया है, हालांकि दोनों ही पक्ष मानते हैं कि सकारात्मक संवाद के जरिए विवाद का समाधान ढूंढना ज़रूरी है ताकि व्यापारिक संतुलन कायम रखा जा सके।

एच-1बी वीज़ा नियमों में बदलाव का असर
व्यापार वार्ता का एक अहम मुद्दा एच-1बी वीज़ा भी होगा। अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में वीज़ा आवेदन शुल्क को 1 लाख अमेरिकी डॉलर तक बढ़ा दिया है। इस कदम का सीधा असर भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर पड़ा है। उद्योग संगठन नैसकॉम का कहना है कि इस फैसले से भारतीय तकनीकी कंपनियों की ऑनशोर परियोजनाएं प्रभावित होंगी और व्यावसायिक निरंतरता पर खतरा मंडराएगा। नए आवेदकों को अधिक खर्च उठाना पड़ेगा, जिससे अमेरिका में काम करने की संभावनाएं सीमित हो सकती हैं। संभावना जताई जा रही है कि पीयूष गोयल इस मुद्दे को भी अमेरिकी अधिकारियों के सामने रखेंगे।

हालिया अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा
उल्लेखनीय है कि 16 सितंबर को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों का एक दल भारत आया था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई और यह निर्णय लिया गया कि प्रयासों को तेज़ किया जाएगा। उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जा रहा है।

साझा लक्ष्य और भविष्य की दिशा
भारत और अमेरिका ने आने वाले वर्षों के लिए कुछ साझा लक्ष्य भी तय किए हैं। इनमें 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना, आयात-निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क कम करना, तकनीकी, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करना और वीज़ा नीतियों को सरल बनाकर पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाना शामिल है। पीयूष गोयल की यह यात्रा दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण व्यापारिक संबंधों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वार्ता में प्रगति हुई तो इससे न केवल भारतीय उद्योगों को राहत मिलेगी, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भी सकारात्मक संदेश जाएगा।

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