गंगा किनारे 1140 किलोमीटर में 2000 से अधिक शव, भारत में जहां एक तरफ़ कोरोना ने लोगों की सांसें थाम रखी है वहीं दूसरी तरफ़ शव को लेकर कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जिसे देख कर कठोर से कठोर दिल विचलित हुआ जा रहा है।
जहां अभी तक अंतिम संस्कार करने आए परिजनों की उनके अपने रिश्तेदारों के शवों के साथ लगी लाइनें सरकार से सवाल करने पर मजबूर कर रही थीं वहीं अब गंगा नदी में मिलने वाले मृत्य शरीर के बाद लोगों ने सरकार की व्यवस्था को लेकर ऐसे सवाल खड़े किए हैं जिसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
जहां एक तरफ़ बनारस से चुनाव लड़ते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कह कर तालियां बटोरी थीं कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है अब उसी गंगा में पड़े हुए सड़ रहे शवों को देख कर लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल का अंबार लगा दिया है।
आपको याद ही होगा गंगा सफ़ाई और उससे जुड़ी दूसरी कई चीज़ों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सारे वादे किए थे लेकिन वह सब जुमले साबित हुए।
वह कई बार बनारस गंगा घाट पर भी गए और मीडिया के झुंड के सामने गंगा सफ़ाई और स्वच्छता को लेकर भाषण भी दिए लेकिन वह सब केवल भाषणबाजी ही साबित हुए हैं।
यही कारण है कि आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुबह हिंदी न्यूज़ पेपर की कटिंग के साथ ट्वीट करते हुए कहा कि जो कहता था गंगा ने बुलाया है, उसने मां गंगा को रुलाया है।
जो कहता था गंगा ने बुलाया है,
उसने माँ गंगा को रुलाया है। pic.twitter.com/ArGeuxVmEN— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 15, 2021
तस्वीर साफ़ है अभी तक मोदी सरकार मरीज़ों के इलाज, दवाइयों, ऑक्सीजन, इंजेक्शन, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड को लेकर बेबस दिखाई दे रही थी अब कोरोना से पीड़ित होकर मरने वालों की इस तरह गंगा में बहती लाशें देख कर इस बात का भी अंदाज़ हो जाता है कि उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी मोदी सरकार का कोई बंदोबस्त दिखाई नहीं दे रहा है।