अपने निलंबन पर, मैं कानून का दरवाजा खटखटाऊंगा: अबू आज़मी
महाराष्ट्र सरकार ने विधायक अबू आसिम आजमी को विधानसभा से निलंबित कर दिया है। उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने और उसके नाम पर सांप्रदायिक राजनीति नहीं करने संबंधी बयान दिया था, जिसे उन्होंने संभाजी महाराज और शिवाजी महाराज का अपमान बताया था। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उनके द्वारा बिना शर्त अपना बयान वापस लेने के बावजूद की गई है। अबू आसिम आज़मी को महाराष्ट्र विधानसभा के पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
विधानसभा से निलंबित किए जाने के बाद अबू आजमी ने कड़ी नाराजगी जताई और कानूनी कार्रवाई के संकेत दिए। उन्होंने कहा, “मैं कानून का दरवाजा खटखटाऊंगा, वे मुझे इस तरह कैसे हटा सकते हैं? यह रमजान का महीना है, मैं रोजा रख रहा हूं और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है। मैं जल्द ही कानूनी सलाह लूंगा और न्याय के लिए लड़ूंगा।”
अबू आसिम आज़मी ने कहा, “यह मेरे लिए अनुचित है।” औरंगजेब के बारे में मैंने वही कहा जो मराठी इतिहासकारों ने अपनी किताबों में लिखा है, कि वह एक अच्छा शासक था और उसने कई मंदिरों को वित्त पोषित किया था। विवाद होने के बाद मैंने बिना शर्त अपना बयान वापस ले लिया था, फिर भी मुझे निलंबित कर दिया गया, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले राहुल शुलापुरकर और प्रशांत कोरटकर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह सरकार का दोहरा मापदंड नहीं तो और क्या है?
वहीँ इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवारने कहा कि अबू आजमी को सिर्फ एक सत्र के लिए नहीं बल्कि पूरी तरह से विधायक पद से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए बहुत सम्मानीय हैं और जो कोई भी उनका अपमान करेगा, उसे आसानी से माफ नहीं किया जाएगा।