मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि बिल को किसान विरोधी बताकर देश भर के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 100 से अधिक दिन हो गए लेकिन सरकार के साथ कोई वार्ता सार्थक नहीं रही है। किसान आंदोलन में अब स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के तीसरे बेटे नरेंद्र टिकैत ने भी मोर्चा खोल दिया है।
सिसौली में स्थित अपने आवास पर 45 वर्षीय नरेंद्र ने कहा कि यदि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यह बात साबित कर दी जाये कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है उनके दो भाइयों सहित पूरा टिकैत परिवार आंदोलन से पीछे हट जाएगा। नरेंद्र टिकैत ने कहा है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शेष साढ़े तीन साल तक दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहने को तैयार हैं।
नरेंद्र टिकैत भारतीय किसान यूनियन में किसी पद पर नहीं है, लेकिन किसानों से संबंधित मुद्दों पर वह उतने ही मुखर है जितने कि उनके दो बड़े भाई नरेश और राकेश टिकैत।
नरेंद्र टिकैत ने PTI से बात करते हुए कहा कि “सरकार को गलतफहमी है, शायद इसलिए कि इस तरह के विरोध का सामना उसे कभी नहीं करना पड़ा, लेकिन हमने आंदोलन देखे हैं और 35 वर्षों से इसका हिस्सा हैं। इस सरकार को केवल छोटे विरोधों का सामना करने और विभिन्न रणनीति के माध्यम से उन विरोध प्रदर्शनों को दबाने का अनुभव है।”
टिकैत ने सरकार पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि ”वे किसी भी तरह से इस विरोध को कुचल नहीं सकते। यह तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं। इस सरकार का कार्यकाल साढ़े तीन साल का है, और हम उसके कार्यकाल के अंत तक आंदोलन जारी रख सकते हैं।”
एमएसपी पर क़ानून बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर सरकार बार-बार कहती है कि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा, तो वे इसे लिखित रूप में क्यों नहीं दे सकते? वे रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने की बात कहते रहते हैं, लेकिन यह सब्सिडी भी खत्म हो गई है।