महाराष्ट्र के ऑफ़िसर्स की इस्राइल यात्रा पर राज्य सरकार को नोटिस,

महाराष्ट्र के ऑफ़िसर्स की इस्राइल यात्रा पर राज्य सरकार को नोटिस, पेगासस जैसे स्पाइवेयर ख़रीदने का है इल्ज़ाम

मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के सूचना एवं जन संपर्क महानिदेशालय के अधिकारियों की 2019 की इस्राइल यात्रा को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया है कि यह यात्रा पेगासस जैसे स्पाइवेयर ख़रीदने के लिए की गई थी।

लक्ष्मण बुरा और दिगंबर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि अब सभी को मालूम हो चुके फ़ोन टैपिंग मामलों और ऑफ़िसर्स की इस्राइल यात्रा के बीच संभवत: तार जुड़े हुए हैं, याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस तरह की विदेश यात्रा की अनुमति देने वाले कई नियमों का इस प्रक्रिया में उल्लंघन किया गया है।

याचिका दाख़िल करने वालों के वकील तेजेश दांडे ने अदालत में कहा कि इस्राइल के पास वेब मीडिया पर ऐसी कोई महारत नहीं है कि प्रदेश सरकार को इसका कुछ फ़ायदा मिलता, उन्होंने कहा कि याचिका दायर करने वालों का मानना है कि इस्राइल भेजने का विशेष कारण पेगासस जैसा जासूसी सोफ्टवेयर पाना था।

मुख्य जज दीपांकर दत्ता और जस्टिस जी एस कुलकर्णी की पीठ ने राज्य सरकार, DGIPR और पांच ऑफिसर्स को चार सप्ताह में अपना जवाब दाख़िल करने का आदेश दिया, इन सभी को जनहित याचिका में पक्षकार बनाया गया है।

याचिका में कहा गया कि 15 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद DGIPR के पांच चुने गए वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल एडवांस वेब मीडिया का अध्ययन करने के लिए दस दिनों की इस्राइल यात्रा पर भेजा गया था, याचिका में इल्ज़ाम लगाया गया कि उस अवधि में राज्य सरकार के गठन के लिए बातचीत चल रही थी।

बता दें कि लक्ष्मण बुरा और दिगंबर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि अब सभी को मालूम हो चुके फ़ोन टैपिंग मामलों और ऑफ़िसर्स की इस्राइल यात्रा के बीच संभवत: तार जुड़े हुए हैं,

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