केंद्र द्वारा पेश किए गया बजट में किसानों, ग़रीबों, और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं: खड़गे 

केंद्र द्वारा पेश किए गया बजट में किसानों, ग़रीबों, और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं: खड़गे

मोदी सरकार के अंतरिम बजट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बजट में गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं कहा। पिछले 10 साल में सरकार ने जितने वादे किए थे उसकी जानकारी इन्होंने नहीं दिया।

मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो वादे किए थे वो कहां तक पहुंचा। इन्होंने किसानों, गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग, शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया। इस बजट में कुछ भी नहीं है।

कांग्रेस जहां इस बजट में कुछ भी नहीं है कहकर तंज कस रही है तो वहीं, बजट पेश करने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा यह चुनाव से ठीक पहले पेश किया गया अंतरिम बजट है। शासन व्यवस्था पर यह बजट उस स्थिति की बात करता है जहां हमने विकास किया है।

केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर अखिलेश यादव ने कहा कि कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। बीजेपी सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा करके एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है। ये बीजेपी का ‘विदाई बजट’ है।

राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अंतरिम बजट पर कहा, “देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम सीमा पर है लेकिन इस बजट में कुछ नहीं बताया गया कि सरकार क्या कदम उठाएगी जिससे बेरोजगारी और महंगाई से लड़ा जा सके।”

सांसद दानिश अली ने कहा, “EVM और चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जो हुआ उससे बीजेपी को लगता है कि इस तरह के हथकंडे अपनाकर वे सत्ता में वापस आ जाएंगे लेकिन जुलाई में बीजेपी का वित्त मंत्री बजट नहीं पेश करेगा। जुमलेबाजी और तुकबंदी में इस सरकार में स्पर्धा चलती है, वही आज हुआ।”

शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अंतरिम बजट पर कहा, “कहने और करने में जमीन-आसमान का अंतर है, यही हम 10 साल से देख रहे हैं। इसमें गरीबों, महिला, युवा के लिए कुछ नहीं है। इस बजट ने आम जनता की उम्मीदों पर ठंडे मौसम में ठंडा पानी डालने का काम किया है।”

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