एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए समय चाहिए: निर्वाचन आयोग
विधि आयोग एक साथ चुनावों पर एक रिपोर्ट पर चुनाव निकाय, सरकारी विभागों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श कर रहा है। इस बीच, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समिति ने 23 सितंबर को अपनी पहली बैठक की और एक साथ चुनाव के विचार पर हितधारकों और राजनीतिक दलों से सुझाव लेने का फैसला किया है।
एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह अभी नहीं हो सकता है, इसके लिए समय चाहिए। दरअसल चुनाव आयोग ने विधि आयोग से कहा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने में कुछ समय लगेगा।
विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रितु राज अवस्थी ने बताया कि चुनाव आयोग ने कानून पैनल के साथ परामर्श के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के कार्यान्वयन पर कोई टिप्पणी नहीं की। न्यायमूर्ति अवस्थी ने कहा, “चुनाव आयोग ने एक साथ चुनाव के कार्यान्वयन के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि 2024 के आम चुनावों से पहले ‘एक देश-एक चुनाव’ पर विधि आयोग की रिपोर्ट सामने आ सकती है। इस रिपोर्ट में आयोग भारत में एक साथ चुनावों को वास्तविकता बनाने के लिए संविधान में संशोधन का सुझाव देगा। आयोग का कहना है कि 2024 चुनाव से पहले एक राष्ट्र एक चुनाव लाना संभव नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि एक साथ चुनाव पर विधि आयोग की रिपोर्ट तैयार नहीं है क्योंकि कुछ मुद्दों का निपटारा होना बाकी है। वर्ष 2029 से राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा, दोनों चुनाव एक साथ कराना सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी के तहत आयोग विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने का सुझाव दे सकता है।
सूत्रों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र तैयार किया जा रहा है कि एक बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था हो जाए, तो मतदाता दोनों चुनावों के लिए मतदान करने के वास्ते केवल एक बार मतदान केंद्र पर जाएं।