बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ मुस्लिम समुदाय कोर्ट पहुंचा

बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ मुस्लिम समुदाय कोर्ट पहुंचा

राजस्थान के बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य एक नई विवादित घटना के केंद्र में आ गए हैं। मुस्लिम समुदाय, विशेष रूप से शिया समुदाय के लोगों ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले को लेकर कोर्ट का रुख किया है। समुदाय का आरोप है कि विधायक ने ऐसी टिप्पणियां या कृत्य किए हैं, जो न केवल उनके धर्म के खिलाफ हैं, बल्कि सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा सकते हैं।

मामले की शुरुआत और आरोप
बालमुकुंद आचार्य, जो वर्तमान में जयपुर की हवामहल विधानसभा सीट से विधायक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक मंच से ऐसी बातें कही हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल करते हुए कहा कि विधायक के बयान या कार्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19, और 21 का उल्लंघन करते हैं, जो सभी नागरिकों के समान अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं।

कोर्ट की प्रतिक्रिया
मामला सामने आने के बाद, जयपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट आयुषी गोयल ने इसे गंभीरता से लिया। कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी खुद संभालने का फैसला किया है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इस मुद्दे का हल तथ्यों और सबूतों के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में शिया समुदाय के याचिकाकर्ताओं को 28 नवंबर को दोबारा कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उन्हें और ठोस सबूत और दस्तावेज प्रस्तुत करने को भी कहा है, ताकि मामले की तह तक जाया जा सके।

शिया समुदाय ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि विधायक जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती, जो समाज में विभाजन और वैमनस्य फैलाने का कारण बने। याचिकाकर्ताओं ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की भी मांग की है, लेकिन उनका कहना है कि पुलिस द्वारा मामले में त्वरित कार्रवाई न होने के कारण उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

दूसरी ओर, बालमुकुंद आचार्य ने इस मामले पर अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी दल उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।

इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी, जिसमें याचिकाकर्ताओं को अपने आरोपों के समर्थन में नए सबूत पेश करने होंगे। कोर्ट इस मामले को लेकर विस्तृत जांच करेगी, जिसके बाद यह तय होगा कि विधायक के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी या नहीं।

यह मामला राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। मुस्लिम समुदाय पहले से ही बीजेपी के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर चुका है। अगर इस मामले में विधायक दोषी पाए जाते हैं, तो यह बीजेपी की छवि पर गहरा असर डाल सकता है। वहीं, इस मुद्दे से सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका भी जताई जा रही है।

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