राजनाथ से मिले मुफ्ती अबुल इरफान और मौलाना सफी हैदर
लखनऊ: लखनऊ की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था अंबर फाउंडेशन के अध्यक्ष वफा अब्बास ने देश के रक्षा मंत्री एवं सांसद राजनाथ सिंह के प्रोत्साहन से पिछले एक वर्ष से लखनऊ के हजारों लोगों को नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के माध्यम से गरीबों एवं जरूरतमंदों को नि:शुल्क चश्मा वितरण किया, और मोतियाबिंद के ऑपरेशन, गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों की स्कूल फीस तथा आम जनता को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाया।
वफ़ा अब्बास की बिना किसी भेदभाव के निःस्वार्थ समाज सेवा की भावना से प्रेरित होकर शहर के सभी धर्मों के धर्मगुरु राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक कार्यों से प्रेरित होकर वफ़ा अब्बास से जुड़ रहे हैं। सुन्नी समुदाय के लोकप्रिय धार्मिक नेता क़ाज़ी अल-कुज़ात शाह ने भी इस में भाग लेने की अपील की। मौलाना अबुल इरफान मियां फिरंगी महली और शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद सफी हैदर साहब ने वफा अब्बास साहब के साथ देश के रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की।
राजनाथ सिंह जी ने दोनों धर्मगुरुओं का बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों धर्मगुरुओं ने राजनाथ सिंह जी को अपनी दुआओं से नवाजा।मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात करते हुए कहा कि हमारा परिवार पिछले 350 वर्षों से देश की सेवा कर रहा है,और देश हित में अपनी सेवाएं दे रहा है।
वहीं मौलाना सैयद सफी हैदर साहब ने कहा कि तंज़ीम -अल- मकातिब संस्था पिछले 55 सालों से लगातार 1200 से ज्यादा स्कूलों में 60000 से ज्यादा छात्रों को शिक्षित कर रही है। अब तक लाखों बच्चे शिक्षित हो चुके हैं और सभी छात्र देश-विदेश में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और सभी देश के विकास में लगे हुए हैं।यह अपने आप में एक बड़ा उदाहरण है।
मौलाना सफी हैदर ने राजनाथ सिंह को हजरत अली का ऐतिहासिक पत्र भेंट किया जिसमें इमाम अली ने अपनी खिलाफत के दौरान बेहतर सरकार चलाने के लिए तत्कालीन गवर्नर के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण बातें लिखी थीं। 1400 साल पुराने इस पवित्र ग्रंथ को पढ़ने का समय आ गया है।
दोनों धर्मगुरुओं ने यह भी कहा कि जिस तरह वफा अब्बास आपके साथ जुड़कर समाज की सेवा कर रहे हैं, उसे देखकर हम भी आपके विचारों से प्रेरित हैं, और हम चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के शिया और सुन्नी मिलकर काम करें.सभी धर्मगुरुओं को भी मिलकर काम करना चाहिए, यह इस देश और राष्ट्र के हित में बेहतर साबित होगा।
दोनों धर्मगुरुओं की ये बातें सुनकर राजनाथ सिंह जी भावुक हो गए और कहा कि जिस तरह लखनऊ के मुस्लिम समाज ने मेरा साथ दिया है और आगे भी देता रहेगा, मैं गंगा,यमुना की इस संस्कृति को पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण के तौर पर देखता हूँ।