टैक्स वसूली में PhD है मोदी सरकार: राहुल गांधी, आपदा किसी भी देश में हो उस देश की जनता को अपने देश की सरकार से बड़ी उम्मीदें होती हैं, और ऐसे में सरकार अगर उस आपदा में जनता की फ़रियाद सुनने की जगह अवसर तलाश करे तो वहां की जनता को यह समझ जाना चाहिए कि वह सरकार उसके हितों और अधिकारों के लिए कभी खड़ी नहीं हो सकती।
ऐसा ही कुछ भारत में Covid-19 महामारी में देखने को मिला, जहां एक तरफ़ लोग बे रोज़गारी, भुखमरी, बीमारी और वायरस से मर रहे थे वहीं सरकार ने कोरोनाकाल में लोगों पर बोझ डाल कर अपना ख़ज़ाना भरा।
एक महीने में 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल देकर कोरोना जंग जीतने का जश्न मनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बार भी Covid-19 महामारी में ख़राब स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते माफ़ी तक नहीं मांगी, यही नहीं इस वायरस से संक्रमित हो कर मरने वालों की सही संख्या तक नहीं बताई।
जनता से दिया जलाओ, थाली बजाओ, घंटी बजाओ कह कर कोरोना को हराने वाले मोदी जी से देश जानना चाहता है अब एक्सपर्ट तीसरी लहर की बात कर रहे हैं उसके लिए उनकी क्या तैयारी है?
इन सारी समस्याओं के बीच महंगाई ने भी जनता की कमर तोड़ रखी है, खाने पीने की चीज़ें हों या दवा इलाज की हर चीज़ की क़ीमतें आसमान छू रही हैं और सरकार के पास उसे रोकने का कोई मंत्र नहीं है।
पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतें तो रोज़ाना बढ़ती जा रही हैं, इसी के चलते दैनिक भास्कर ने अपने हिंदी न्यूज़ पेपर में लिखा कि सरकार ने आयकर और कॉरपोरेट टैक्स से ज़्यादा कमाई तो पेट्रोल और डीज़ल से कर ली।
राहुल गांधी ने इसी न्यूज़ पेपर की कटिंग के साथ आज सुबह ट्वीट करते हुए लिखा कि टैक्स वसूली में PhD।
टैक्स वसूली में PhD. pic.twitter.com/RfRxmF8o7J
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2021