मनोज जरांगे की तबीयत नाज़ुक, मराठा कार्यकर्ता नाराज़, जगह-जगह प्रदर्शन

मनोज जरांगे की तबीयत नाज़ुक, मराठा कार्यकर्ता नाराज़, जगह-जगह प्रदर्शन

मंगलवार को मराठा सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आठवां दिन था। इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में मराठा समाज में गहरी नाराजगी है और अब यह नाराजगी जगह-जगह प्रदर्शनों के रूप में दिखाई दे रही है। औरंगाबाद जिले में एक स्थान पर एक मराठा कार्यकर्ता ने तहसीलदार कार्यालय से तहसीलदार की कुर्सी निकालकर जला दी, तो वहीं नांदेड़ में दुकानों को बंद कराया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

तहसीलदार की कुर्सी जलाई गई
सूत्रों के अनुसार, औरंगाबाद के फुलम्ब्री तहसील में मंगलवार को कुछ मराठा कार्यकर्ता तहसीलदार कार्यालय पहुंचे और नारेबाज़ी करने लगे। कुछ समय बाद उनमें से कुछ कार्यकर्ता कार्यालय के अंदर घुस गए और तहसीलदार की कुर्सी बाहर निकाल लाए। फिर उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। पुलिस ने तुरंत उन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और गाड़ी में बिठाकर ले गई। इन कार्यकर्ताओं का कहना था कि अगर सरकार ने तुरंत मनोज जरांगे की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।

इस बीच, औरंगाबाद के पड़ोसी जिले जालना में भी मराठा सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। जालना के जाफराबाद इलाके में सरकार का एक प्रतीकात्मक पुतला बनाकर उसे आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए पुतले को रौंदते रहे। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।

नांदेड़ में बंद का ऐलान
इस दौरान नांदेड़ में मंगलवार को बंद का ऐलान किया गया था। बंद के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 4 या 5 लोग घायल हो गए। शहर में स्थित शिवाजी की मूर्ति के पास मराठा समुदाय के लोग इकट्ठा हुए। उन्होंने इलाके की दुकानों को बंद कराना शुरू किया। जब ये कार्यकर्ता राज कॉर्नर पहुंचे तो पुलिस इंस्पेक्टर शेंडगे और उनकी टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कहासुनी हुई, जो टकराव में बदल गई।

मोर चौक पर भी दुकानों को बंद कराने की कोशिश कर रहे मराठा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में 4 या 5 लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बेवजह लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया। जैसे ही मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की खबर फैली, बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए और वहां धरना देकर उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की थी। इस घटना के बाद नांदेड़ में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है।

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